भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में सरकारी कामों में लापरवाही बरतने पर एक के बाद एक अधिकारियों – कर्मचारियों (Officers – Employees) पर कार्रवाई की जा रही है। अब मुरैना कलेक्टर (Morena Collector) ने 9 अधिकारियों पर कार्रवाई की है। कलेक्टर बी.कार्तिकेयन (B. Karthikeyan) ने सीएम हेल्पलाइन (CM Helpline) के खोलकर ना देखने पर जनपद सीईओ समेत 4 अधिकारियों और सरकारी योजनाओं में गति न देने पर 2 अधिकारियों शोकॉज नोटिस जारी किया है।
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इसके अलावा जिले के जेएसओ का वेतन आगामी आदेश तक रोकने, खाद्य नियंत्रण अधिकारी को कारण बताओ नोटिस और 3 दिन का वेतन काटने के साथ कलेक्टर ने सीएम मॉनीटरिंग की समीक्षा में डिप्टी कलेक्टर द्वारा प्रजेन्टेशन की स्लाइड प्रस्तुत करने पर उन्हें भी कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिये।
दरअसल, मुरैना कलेक्टर बी. कार्तिकेयन ने सीएम हेल्पलाइन (CM Helpline)की समीक्षा के दौरान पाया कि कैलारस जनपद सीईओ (District CEO) द्वारा सीएम हेल्पलाइन को खोलकर ही नहीं देखा। इस पर उन्होंने जनपद सीईओ कैलारस को कारण बताओ नोटिस (Show cause notice) जारी करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि जितनी सीएम हेल्पलाइन आ रहीं है, उसकी क्षमता से अधिक निराकरण होगा तभी हम सीएम हेल्पलाइन को कम कर पायेंगे।
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इस दौरान उन्होंने पीएचई विभाग (PHE Department) में 229 शिकायतें समीक्षा में पाई। उन्हें कारण बताओ नोटिस, डीएफओ द्वारा सीएम हेल्पलाइन का निराकरण नहीं करने पर कारण बताओ नोटिस तथा आईटीआई प्राचार्य सोलंकी बैठक से अनुपस्थित रहने पर उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिये। इसके साथ ही सीएमओ कैलारस द्वारा 16 शिकायतों का निराकरण नहीं करने पर कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिये।
इसके अलावा मुरैना कलेक्टर (Morena Collector) ने टीएल बैठक के दौरान कहा कि प्रदेश सरकार की योजनाओं (MP Government Schemes) को अधिकारी त्वरित गति से निराकरण करने के प्रयास करें। मार्च नजदीक है, किसी भी विभाग की योजनाओं का बजट (Budget) लैप्स नहीं होना चाहिये। अधिकारी ऐसे प्रयास करें कि योजनाओं में गति आये, पंचवर्षी, योजना बनाकर कार्य नहीं करें। वही उन्होंने 2 अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस तथा पात्रता पर्ची शतप्रतिशत वितरण न होने पर जिले के समस्त जेएसओ (JHO) का वेतन (Salary) आगामी आदेश तक आहरित नहीं करने के निर्देश जिला कोषालय अधिकारी को दिये।
आंगनवाड़ी केन्द्रों का पैसा जल्द वापस किया जाए
वही कलेक्टर ने पोषण पुर्नवास, पोषण आहार एवं आंगनवाड़ी केन्द्र (Nutrition Rehabilitation, Nutrition Diet and Anganwadi Center) खुलने की समीक्षा की, जिसमें उन्होंने समस्त SDM, जनपद सीईओ को निर्देश दिये कि आंगनवाड़ियों में प्रतिदिन नाश्ता आदि वितरण हो, इसके लिये एक-एक घंटे का समय निकालकर आंगनवाड़ियों की मॉनीटरिंग व निरीक्षण अवश्य करें। कलेक्टर ने आंगनवाड़ी भवन निर्माण की समीक्षा की, जिसमें उन्होंने कहा है कि 34 आंगनवाड़ी केन्द्रों में से 8 आंगनवाड़ियों का पैसा वापस किया जा चुका है। 26 का स्थल चयन कर कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। इस कार्य को प्राथमिकता दें।
खाद्यान्न समय पर शतप्रतिशत वितरण हो
कलेक्टर ने समस्त जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि राशन वितरण में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। हितग्राही को राशन समय पर मिले, इसके लिये जेएसओ पूरे दिन मॉनीटरिंग कर राशन (Ration) समय पर वितरण करायें। जिले में 2 लाख 21 हजार 184 टोटल कार्ड धारी है, जिसमें कल्याणी महिलाओं को चिन्हित करें, वे महिलाओं राशन लेने नहीं आती है तो उनके घर तक पहुंचाने के लिये लिस्टिंग बनाये।
नवीन पात्रता पर्ची की हुई समीक्षा
कलेक्टर ने कहा कि जिले में नवीन पात्रता पर्ची मात्र 74 प्रतिशत वितरित हुई है, जिन्हें शतप्रतिशत वितरण किया जाना सुनिश्चित करें। इसका सर्वे किया जाये कि कितने ऐसे व्यक्ति है, जो खाद्यान्न नहीं ले रहे है और ऐसे कितने व्यक्ति है, जो पात्रता धारी नहीं है तथा ऐसे कितने पात्रता पर्चीधारी है, जिनकी गलती से पर्ची बनाई गई है। उन्होंने 74 प्रतिशत पात्रता पर्ची वितरण करने पर जिले के समस्त जेएसओ का वेतन आगामी आदेश तक रोकने के निर्देश दिये तथा खाद्य नियंत्रण अधिकारी भीकम सिंह तोमर को कारण बताओ नोटिस तथा 3 दिन का वेतन काटने के निर्देश दिये।
पीएम स्वनिधि योजना की समीक्षा की
कलेक्टर ने कहा है कि जिले में 10 हजार 614 लोंगो को प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर निधि योजना (Prime Minister Self-Reliant Fund Scheme) से लोंगो को लाभान्वित करना था, जिसमें जिले की प्रगति की 55.05 पर है। इसे लक्ष्य मानकर और बढ़ाया जाये। उन्होंने रोजगार (Employment) मेले के लिये जिला रोजगार अधिकारी को फरवरी माह में 500 का टारगेट दिया, इसके लिये उन्होंने जीएम डीआईसी(GM DIC) को भी सहयोग प्रदान करने के निर्देश दिये। कलेक्टर ने सीएम मॉनीटरिंग (CM Monitoring) की समीक्षा की, जिसमें डिप्टी कलेक्टर (Deputy Collector) सुरेश बराहदिया प्रजेन्टेशन की स्लाइड प्रस्तुत न कर सकें । इस पर उन्होंनें कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिये।