भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। गड़बड़ी और घोटालों को रोकने के लिए मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) की शिवराज सरकार (Shivraj Government) लगातार डिजिटलाइजेशन (Digitalization) को बढ़ावा दे रही है। अब सरकार ने फैसला किया है कि प्रदेश में सभी 4523 सहकारी संस्थाओं का कम्प्यूटराइजेशन किया जाएगा, जिससे किसानों (Farmers) को ऋण, कृषि आदान एवं अन्य सुविधाएँ घर बैठे मिल सके। सरकार का मानना है कि इस कदम से समितियों में एक पारदर्शी, निष्पक्ष एवं स्वच्छ कार्यप्रणाली स्थापित होगी।
सहकारिता एवं लोक सेवा प्रबंधन मंत्री डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया (Cooperative and Public Service Management Minister Dr. Arvind Singh Bhadauria) ने बताया कि प्रदेश की सभी 4523 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के लेखों व अन्य व्यवस्था अब कम्प्यूटरीकृत की जाकर ऑनलाइन किये जायेंगे, जिससे कृषकों को ऋण, कृषि आदान एवं अन्य सुविधाएँ घर पहुँच प्राप्त होंगी। इसके लिये प्रदेश की सभी प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों(Primary Agricultural Credit Cooperatives) पर बिना कोई भार डाले शासन अपने संसाधनों से संस्थाओं का कम्प्यूटराइजेशन (Computerization) करेगा।
सहकारिता मंत्री डॉ. भदौरिया ने कहा कि संस्थाओं के कम्प्यूटराइजेशन से समितियों में एक पारदर्शी, निष्पक्ष एवं स्वच्छ कार्यप्रणाली स्थापित होगी, वहीं ऋण वितरण एवं कृषि आदान में होने वाली अनियमितताओं की शिकायतें भी नियंत्रित होंगी। सहकारिता विभाग (Cooperative Department) के कार्यों तथा प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के कार्यों में पारदर्शिता लाने, कार्यक्षमता बढ़ाने तथा आधुनिक तकनीक के उपयोग को अधिकाधिक बढ़ावा देने की कार्यवाही की जा रही है। भदौरिया ने कहा कि इसी क्रम में प्रदेश में सहकारी संस्थाओं के सम्पर्कविहीन ऑनलाईन पंजीयन की व्यवस्था शुरू की गई है। इस प्रक्रिया को सहकारी नियमों में संशोधन कर लागू कर दिया गया है। अब सहकारी संस्थाओं (Co-operative Institutions) का पंजीयन एकमात्र सम्पर्कविहीन ऑनलाईन प्रक्रिया से ही होगा। इससे सहकारी संस्थाओं के पंजीयन में भी एक स्वच्छ एवं पारदर्शी व्यवस्था स्थापित होगी।
सहाकरिता मंत्री डॉ. भदौरिया ने यह भी कहा कि सहकारी न्यायालयों में प्रकरणों की प्रस्तुति, सुनवाई की कार्यवाही तथा आदेश व निर्णय ऑनलाईन (Online) पद्धति से होंगे। इस व्यवस्था से पक्षकार अपने प्रकरणों की अद्यतन स्थिति, तारीख, पेशी की स्थिति, आदेश एवं निर्णयों की प्रति ऑनलाईन कहीं से भी प्राप्त कर सकेंगे। इस प्रकार सहकारी न्यायालयों में भी पारदर्शी, निष्पक्ष एवं स्वच्छ व्यवस्था स्थापित होगी।