भोपाल। विधानसभा चुनाव में मिली करीबी हार के बाद अब लोकसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी नए सिरे से तैयारियों में जुट गई है। जनता का मिजाज भांपने के लिए केंद्रीय नेतृत्व अब सर्वे करवा रहा है। दो एजेंसियां इस काम को अंजाम देने में जुट गई हैं। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह सीधे तौर पर पार्टी नेताओं से मिले फीडबैक पर निर्भर नहीं रहना चाहते। इसलिए वह अलग से सर्वे करवा रहे हैं। इसके लिए दो एजेंसियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। जो अपने अलग अलग नजरिये से रिपोर्ट सैंपेगी।
जानकारी के अनुसार संगठन महामंत्री और प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं से चर्चा करने के बाद सर्वे एजेंसी ने अपना काम शुरू कर दिया है। यह एजेंसी भाजपा की हारी हुई सीटों पर सर्वे कर पार्टी की हार का कारण जानेगी। और इसकी विसतृत रिपोर्ट शाह को सौंपेगी। एजेंसी यह भी पता लगाएगी कि लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी को कितनी सीटें मिलने का अनुमान है। वहीं, सांसदों के कामकाज का भी ब्योरा पेश किया जाएगा। पार्टी का मानना है कि कांग्रेस की जीत से उसके कार्यकर्ताओं में उत्साह है। ऐसे में वह भाजपा को लोकसभा चनाव में नुकसान पहुंचा सकती है। समय रहते फीडबैक और सर्वे की रिपोर्ट के आधार पर पार्टी अध्यक्ष शाह कांग्रेस को मात देने के लिए नई रणनीति बनाएंगे। जिससे कांग्रेस की घेराबंदी कर उसको पटखनी दी जा सके। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी प्रदेश के सभी सांसदों से वन टू वन संवाद करेंगे। वह केंद्र सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन के बारे में चर्चा करेंगे। वह 28 दिसंबर को बैठक कर सांसदों से चर्चा करेंगे।
गौरतलब है कि इससे पहले प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह और पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के चार संभागों के बीजेपी विधायकों की बैठक ली थी। इसमें उन्होंने पार्टी की हार को लेकर मंथन किया था। पार्टी सूत्र ने बताया था कि कार्यकर्ताओं में असंतोष और बड़े नेताओं का असहयोग पार्टी की हार का कारण रहा है।