भोपाल।
राहुल गांधी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस जमकर उथल पुथल मची हुई है। इसका सबसे ज्यादा असर एमपी में द��खने को मिल रहा है। नेता लगातार हार की जिम्मेदारी लेते हुए एक के बाद एक इस्तीफा दे रहे है। अब कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। सिंधिया के इस्तीफे के बाद कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है।
सिंधिया ने राष्ट्रीय महासचिव के पद से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि अभी तक उनका इस्तीफा मंजूर नहीं किया जा सका है। इससे पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद , प्रभारी महासचिव दीपक बावरिया ने सभी पदों और वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने विधिक विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था। अभी तक ये इस्तीफे मंजूर नही हुए है। ये सभी इस्तीफे कांग्रेस की कमान नया अध्यक्ष बनने के बाद स्वीकार होंगे। तब तक सभी पदों पर बने रहेंगे।
लोकसभा चुनाव में सौंपा गया था पश्चिमी यूपी का प्रभार
लोकसभा चुनाव से पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया को पार्टी का महासचिव बनाया गया था। ज्योतिरादित्य सिंधिया को पश्चिमी उत्तर प्रदेश का प्रभार दिया गया था। यूपी में भी कांग्रेस प्रदर्शन बेहद खराब था। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को केवल एक सीट पर जीत मिली थी। खुद राहुल गांधी अमेठी से अपना चुनाव हार गए थे।
समिति तय करेगी नया प्रदेशाध्यक्ष
बता दें कांग्रेस के नए अध्यक्ष पद का चयन पार्टी की प्रबंध कार्यकारिणी समिति (सीडब्ल्यूसी) द्वारा लिया जाएगा। ऐसे में पार्टी की प्रबंध कार्यकारिणी समिति ने मश्य प्रदेश से ज्योतिरादित्य सिंधिया को स्थाई आमंत्रण भेजा है, जिसे लेकर अब अनुमान लगाया जा रहा है कि कहीं न कहीं अध्यक्ष पद के चुनाव में सिंधिया की अहम भूमिका हो सकती है।वहीं सिंधिया के अलावा दीपक बावरिया भी इस समिति में हैं।