आशा-उषा कार्यकर्ताओं का भोपाल में धरना, मांगें न मानी जाने पर प्रदेशव्यापी आंदोलन की चेतावनी

ASHA USHA workers strike : भोपाल में अपनी मांगों को लेकर आशा उषा कार्यकर्ता धरने पर बैठी हैं। इन्होने ये विशाल आंदोलन करते हुए कहा कि सरकार और एनआरएचएम के अधिकारी उनकी बात नहीं सुन रहे हैं। इन्होने कहा इन्हें स्वास्थ्य विभाग की रीढ़ की हड्डी कहा जाता है लेकिन आज की महंगाई के समय में उनका वेतन और मानदेय इतना कम है जिसमें गुजारा करना मुश्किल है। उन्होने मांगें न मानी जाने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी।

मध्यप्रदेश आशा उषा सहयोगिनी कार्यकर्ता संगठन का कहना है कि वो अपनी मांगें कई बार सरकार को भेज चुके हैं, लेकिन अभी तक उनपर कोई विचार नहीं हुआ। इसी कारण आज वो राजधानी भोपाल के नीलम पार्क में धरने पर बैठी हैं। इनका आरोप है कि आशा कार्यकर्ताओं को किए जाने वाले भुगतान में कटौती की जाती है जबकि पोर्टल पर ज्यादा राशि दिखाई जाती है और भुगतान कम राशि का किया जाता है। इन्होने मांग की कि आशा पर्यवेक्षक को संविदा नियुक्ति दी जाए साथ ही शहरी और ग्रामीण आशा कार्यकर्ताओं को 5 हजार रुपए अलग से भुगतान किया जाए। इसके अलावा पेट्रोल भत्ता भी दिए जाने की मांग की। आशा पर्यवेक्षकों की वेतन बढ़ोतरी की मांग करते हुए कहा कि आशा पर्यवेक्षकों की सैलरी 15 हजार महीने की जाए।


About Author
श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।