भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। 5 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों (5 States Assembly elections 2022) को लेकर राजनैतिक पार्टियों और चुनाव आयोग की तैयारियां जोरों पर चल रही है। इसी कड़ी में भारत निर्वाचन आयोग ने मध्य प्रदेश के आईएएस और आईपीएस अधिकारियों को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है।इसके तहत 45 IAS अधिकारियों को सामान्य पर्यवेक्षक, 15 IPS अधिकारियों को पुलिस पर्यवेक्षक एवं 17 IAS अधिकारियों को व्यय पर्यवेक्षक नियुक्त किया है।
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भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission OF India) ने गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखण्ड सहित पाँच राज्यों के साधारण विधानसभा निर्वाचनों की घोषणा कर दी है। निर्वाचन आयोग ने इन पाँच राज्यों के विधानसभा निर्वाचन में मध्यप्रदेश राज्य के 45 IAS अधिकारियों को सामान्य पर्यवेक्षक, 15 IPS अधिकारियों को पुलिस पर्यवेक्षक एवं 17 IAS अधिकारियों को व्यय पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। शुक्रवार को नरोन्हा प्रशासन अकादमी में इन अधिकारियों को आयोग द्वारा वर्चुअल तकनीक से प्रशिक्षण दिया गया।वही मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने प्रशिक्षण कार्यक्रम में पाँचों राज्यों के लिए नियुक्त राज्य के समस्त केन्द्रीय पर्यवेक्षक का स्वागत कर शुभाकामनाएँ दी।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने 3 पर्यवेक्षकों (सामान्य पुलिस एवं व्यय) को प्रवर्तन एजेंसियों के साथ समन्वय में काम करने के निर्देश दिए।चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि केन्द्रीय पर्यवेक्षक प्रणाली अब अच्छी तरह से स्थापित हो गई है और पर्यवेक्षक चुनाव कराने में अहम भूमिका निभाते हैं। चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पाण्डेय ने बताया कि केन्द्रीय पर्यवेक्षकों को यह सुनिश्चित करें कि मतदाताओं के लिए मतदान केंद्रों पर मुफ्त और मतदाता हितैषी उपाय उपलब्ध कराए गए हैं। निर्वाचन में केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती में पर्यवेक्षकों को अहम भूमिका निभानी चाहिए। मौजूदा समय में वर्चुअल प्रचार पर कार्य किए जाने पर जोर दिया जाये। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर गलत सूचना और नफरत फैलाने वाले अभियान को कम करने की जरूरत बताई।
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कार्यक्रम के आरंभ में कुल 64 अधिकारियों द्वारा रजिस्ट्रेशन किया गया। इसमें 3 IAS एवं 3 IPS तथा 6 आईआरएस अधिकारियों द्वारा अन्य स्थलों से प्रशिक्षण प्राप्त किया गया। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय द्वारा सभी पर्यवेक्षकों को संबोधित करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा कि चुनाव के दौरान पर्यवेक्षक भारत निर्वाचन आयोग की आँख-कान होते हैं। चुनाव को पूरी तरह से स्वतंत्र, निष्पक्ष, पारदर्शी के संचालन को सुनिश्चित करने के लिए पर्यवेक्षकों की समस्त मुद्दों पर तीखी नजर के साथ और सुरक्षित चुनाव कराने में अहम भूमिका होगी। चुनाव में आदर्श आचार संहिता में किसी भी चूक के लिए सतर्क रहना होगा। आयोग द्वारा जारी मौजूदा दिशा-निर्देशों को सख्ती से लागू करने के संबंध में जिला प्रशासन द्वारा कार्यवाही पर निगरानी होनी चाहिए। चुनाव में धन शक्ति या किसी भी प्रकार के प्रलोभन या प्रक्रिया के दुरुपयोग में पर्यवेक्षकों को अपने कौशल का प्रदर्शन करना चाहिए।
बता दें कि उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में फरवरी और मार्च में 7 चरणों में चुनाव होंगे। 10, 14, 20, 23 और 27 फरवरी के साथ 3 एवं 7 मार्च को मतदान होंगे और नतीजे 10 मार्च 2022 को आएंगे। इन सभी राज्यों में विधानसभाओं का कार्यकाल अगले दो से तीन महीने में पूरा हो रहा है।
बैठक के प्रमुख बिन्दु
- वरिष्ठ उप चुनाव आयुक्त चंद्र भूषण कुमार ने पर्यवेक्षकों को कानूनी मुद्दे एवं MCC से संबंधित जानकारी दी।
- उप चुनाव आयुक्त नीतेश व्यास ने पर्यवेक्षकों को EVM-VVPAT प्रबंधन एवं पर मतदाता सूची के मुद्दों पर प्रकाश डाला। उप चुनाव आयुक्त टी. श्रीकांत ने आयोग के विभिन्न आईटी अनुप्रयोग और पहल के बारे में जानकारी दी।
- सुश्री शेफाली शरण,महानिदेशक (मीडिया) ने मीडिया प्रमाणन और निगरानी समितियों सहित प्रिन्ट एवं इलेक्ट्रानिक्स मीडिया और सोशल मीडिया से संबंधित जानकारी दी।
- प्रशिक्षण-सत्र के दौरान उमेश सिन्हा, महासचिव,भारत निर्वाचन आयोग ने पर्यवेक्षकों को चुनाव योजना,सुरक्षा प्रबंधन और स्वीप के बारे में जानकारी दी।