भोपाल। मध्यप्रदेश में जो हो जाए कम है ताजा मामला कमलनाथ सरकार के मंत्रिमंडल का है जिसमें वित्त मंत्री पद की जिम्मेदारी जिस शख्सियत को दी गई उसकी शैक्षिक योग्यता 12वीं है। जबलपुर पश्चिम से चुने गए तरुण भनोट ने चुनाव आयोग को जो एफिडेविट दिया है इसमें अपनी शैक्षिक योग्यता 1990 विज्ञान में 12 वीं कक्षा पास होना बताया है। हालांकि इसके बाद तरूण ने सिविल इंजीनियरिंग की प्रथम और द्वितीय वर्ष की कक्षा भी पास की लेकिन वे ग्रेजुएशन पूरा नहीं कर पाए।
हैरत की बात यह है कि मध्य प्रदेश का खजाना खाली है और नई सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती सीमित वित्तीय संसाधनों के होते वचन पत्र में किए गए बड़े-बड़े आश्वासनों को पूरा करने की है। ऐसे में वित्त मंत्री पद की जिम्मेदारी किसी पढ़े-लिखे अनुभवी व्यक्ति के बजाय युवा तरुण भनोट को सिर्फ इसलिए दे दी गई क्योंकि वह कमलनाथ के सबसे निकटतम वफादारो में से एक है। मंत्रिमंडल में इस पद के लिए और ज्यादा योग्य व्यक्ति होने के बावजूद आखिरकार कमलनाथ ने ये निर्णय क्यों लिया, यह समझ से परे है। वही कमलनाथ ने उद्योग, जनसंपर्क, रोजगार और तकनीकी शिक्षा जैसे अहम विभाग तो अपने पास रखे हैं, साथ ही गृह विभाग देने के बाद बाला बच्चन को अपने से संबद्ध भी कर लिया।