सावधान! स्कैमर्स लाए हैं ठगी का ये नया तरीका, ऑनलाइन फ्रॉड और साइबर क्राइम से ऐसे बचें

ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचने के लिए सबसे पहला नियम ये है कि सचेत रहें। किसी के साथ भी अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें। इसी के साथ किसी अनजान लिंक पर क्लिक न करें। ऑफिशियल वेबसाइट्स का ही उपयोग करें और URL में ‘https’ जरूर देखें। अनजान कॉल्स पर ओटीपी, बैंक डिटेल्स या पासवर्ड साझा न करें। कोई भी बैंक और अन्य वित्तीय संस्थान कभी इसकी मांग नहीं करते हैं। अगर आपको किसी भी तरह की आशंका हो तो तुरंत साइबर पुलिस से संपर्क करें।

Online Fraud and Cyber Crime

Beware of online fraud and cyber crime : क्या आपको भी कभी कोई ऐसा मैसेज आया है जिसमें लिखा हो कि आपके नंबर पर कोई लकी ड्रॉ खुला है। या ऐसा फ़ोन कॉल जिसमें कहा जा रहा हो कि दो घंटे में आपके फ़ोन की सर्विस बंद हो जाएगी। या ऐसा ही कोई और मैसेज, ईमेल या फ़ोन जोकि संशय से भरा हो। आज के डिजिटल वर्ल्ड में जब हमारी ज़्यादातर जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध है, साइबर क्राइम की आशंकाएं गहराती जा रही हैं। जैसे जैसे हम तकनीकी रूप से आगे बढ़ रहे हैं, वैसे वैसे इससे जुड़े अपराधों में भी बढ़ोत्तरी हो रही है। इसीलिए सचेत रहना जरूरी है।

स्कैमर्स और साइबर क्रिमिनल्स हर दिन नए तरीके ईजाद कर रहे हैं आपको ठगने के। डिजिटल युग में जहां इंटरनेट ने हमें कई सुविधाएं मुहैया कराई है, वहीं साइबर अपराधियों ने भी नए-नए तरीके विकसित कर लिए हैं लोगों को धोखा देकर उनकी मेहनत की कमाई लूटने के। इसीलिए फिशिंग और अन्य ऑनलाइन फ्रॉड के बारे में जागरूक रहने की ज़रूरत है। साथ ही अगर ऐसा कोई स्कैम हो जाए तो तुरंत पुलिस से संपर्क करना चाहिए।

क्या है ‘Service Renewal’ और ‘Video Verification’ स्कैम

आज हम आपको बताने जा रहे हैं ऑनलाइन ठगी का नया तरीका। ये है “सेवा नवीनीकरण” या सर्विस रिन्यूअल और “वीडियो वेरिफिकेशन” स्कैम। इसमें स्कैमर्स किसी सेवा (जैसे मोबाइल नेटवर्क, बैंकिंग ऐप्स) के नवीनीकरण या वेरिफिकेशन के बहाने लोगों को ठगते हैं। इसमें स्कैमर्स लोगों को कॉल, ईमेल या मैसेज के जरिए यह बताते हैं कि उनकी सेवा (जैसे मोबाइल सेवा, क्रेडिट कार्ड) को नवीनीकरण या वेरिफिकेशन की जरूरत है। इसमें स्कैमर्स अक्सर वीडियो कॉल या वीडियो वेरिफिकेशन की बात करते हैं ताकि यह लगे कि प्रक्रिया असली है। वीडियो कॉल के दौरान स्कैमर्स विश्वसनीयता का दिखावा करते हैं। इस प्रक्रिया में वे स्क्रीन शेयरिंग जैसे टूल्स का इस्तेमाल कर सकते हैं और बैंकिंग ऐप्स या वॉलेट्स का एक्सेस हासिल कर लेते हैं। कई बार वे सामने वाले शख्स से उनकी व्यक्तिगत जानकारी, OTP या बैंकिंग डिटेल्स भी पूछते हैं।

स्कैमर्स अक्सर पीड़ित को नकली वेबसाइट्स पर रीडायरेक्ट करते हैं जो असली वेबसाइट की हूबहू नकल होती है। इन वेबसाइट्स पर लोग अपनी लॉगिन डिटेल्स या अन्य संवेदनशील जानकारी दर्ज कर देते हैं, जो सीधे अपराधियों के पास पहुँच जाती है। इसके जरिए लोगों की पर्सनल इन्फॉर्मेशन चुरा लेते हैं। अब उनके पास आपकी सारी जानकारी है और वो आपके बैंक, फ़ोन या ईमेल को एक्सेस कर सकते हैं। इसी के साथ ऐसे कई और तरीके होते हैं जिनके जरिए ये अपराधी लोगों को अपने जाल में फंसाते हैं।

Cyber Crime से कैसे बचें

विशेषज्ञों के अनुसार, ऑनलाइन ठगी से बचने के लिए कुछ सावधानियां बरतना बेहद जरूरी है। सबसे पहली बात तो ये कि कभी भी किसी अनजान के साथ अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें। बैंक, मोबाइल कंपनी या अन्य किसी भी सेवा प्रदाता से अगर कोई कॉल या मैसेज आता है तो पहले उसकी प्रामाणिकता की जांच करें। व्यक्तिगत जानकारी, OTP या बैंकिंग डिटेल्स को फोन पर साझा न करें। सोशल मीडिया और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर अपनी व्यक्तिगत जानकारी को साझा करने से बचें। वीडियो वेरिफिकेशन से सावधान रहें। कोई भी वीडियो कॉल जिसके दौरान आपसे संवेदनशील जानकारी मांगी जाए, उसे तुरंत कट करें। वास्तविक संस्थाएं वीडियो वेरिफिकेशन के नाम पर पासवर्ड, OTP, या अन्य संवेदनशील जानकारी नहीं मांगती हैं।

किसी भी ऑनलाइन लिंक पर क्लिक करने से पहले सतर्क रहें। कभी भी किसी अज्ञात लिंक पर क्लिक न करें। स्कैमर्स असली वेबसाइट जैसा नकली लिंक भेज सकते हैं। वेबसाइट के URL की जांच करें और देखें कि वह “https://” से शुरू होता है। हमेशा किसी भी सेवा की नवीनीकरण या वेरीफिकेशन के लिए सीधे कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं। सुरक्षित पासवर्ड और Two-Step Authentication (2FA) का उपयोग करें। अपने ऑनलाइन खातों की सुरक्षा के लिए मजबूत पासवर्ड रखें।

भारतीय साइबर सुरक्षा एजेंसी की चेतावनी

भारतीय साइबर सुरक्षा एजेंसी ‘इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रेस्पॉन्स टीम’ (CERT-IN) ने नागरिकों को साइबर अपराध से बचने के लिए कई तरह की जानकारियां दी हैं। CERT-IN ने चेतावनी दी है कि साइबर अपराधी नए-नए तरीकों का प्रयोग कर रहे हैं और लोगों को फोन या ईमेल द्वारा ठगने के नए तरीके अपना रहे हैं। सरकार ने इस प्रकार के फ्रॉड की शिकायत करने के लिए राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल भी उपलब्ध कराया है, जहाँ पीड़ित लोग अपनी शिकायतें दर्ज कर सकते हैं। साथ ही RBI का फिशिंग फ्रॉड से बचने के लिए दिशानिर्देश पढ़ सकते हैं, जो आपकी सुरक्षा में सहायक साबित हो सकता है। साइबर अपराधी लोगों को धोखा देने के नए-नए तरीके खोजते रहते हैं, लेकिन यदि हम सतर्क रहें और अपने डेटा की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दें तो साइबर क्राइम से सुरक्षित रह सकते हैं।

 


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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