भोपाल। मंगलवार को शुरू होने वाली मध्य प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र से पहले सोमवार देर शाम को मुख्यमंत्री निवास पर कांग्रेस विधायक दल की बैठक संपन्न हुई। बैठक में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने विधायकों से कहा है कि वे शीतकालीन सत्र के दौरान विपक्ष के गुमराह करने और झूठे आरोपों का पूरी ताकत से जवाब दें। उन्होंने सभी मंत्रियों से कहा कि वे पिछले एक साल के कामकाज की जानकारी विधायकों को दें ताकि वे वस्तु स्थिति सदन में रख सकें।
बैठक में मुख्यमंत्री कमल नाथ ने 1 साल के कार्यकाल पूरा होने का उल्लेख करते हुए कहा कि इस दौरान उनके सामने बड़ी चुनौतियाँ थी। खाली खजाना था, भाजपा सरकार ने अपने कार्यकाल के अंतिम दिनों में 800 करोड़ की ऐसी योजनाएँ लागू की थी, जिनका बजट में कोई प्रावधान नहीं था। उनका भुगतान भी हमें करना पड़ा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस दौरान केन्द्र से जीएसटी का जो प्रदेश का हिस्सा मिलना था वह भी नहीं मिल रहा है। यूपीए सरकार के समय केन्द्रीय योजनाओं में 90 प्रतिशत हिस्सा केन्द्र का और 10 प्रतिशत राज्य का हिस्सा होता था। वर्तमान में केंद्र में बैठी भाजपा सरकार ने इसे घटाकर 60 और 40 प्रतिशत कर दिया है। इन विपरित परिस्थितियों में हमनें वचन पत्र के आधार पर प्राथमिकताएँ तय की और ऋण माफी जैसे बड़े फैसले लिए और काम किया।
विधायक दल की बैठक में नागरिकता संशोधन बिल पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने केन्द्र सरकार पर संघीय व्यवस्थाओं की परम्परा का पालन न करते हुए बहुमत के बल पर बिल पास करवाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा है कि नागरिकता संशोधन बिल पर केन्द्र सरकार ने संघीय व्यवस्थाओं की परम्परा का पालन न करते हुए बहुमत के बल पर संशोधन बिल पास करवाया है। उससे देश की एकता और अखण्डता को खतरा पैदा हो गया है। उन्होंने कहा कि बहुमत से लोकसभा चलाई जा सकती है लेकिन देश नहीं। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि महत्वपूर्ण और संवेदनशील मुद्दों पर सर्वसहमति और आपसी चर्चा जरूरी होती है। नागरिकता संशोधन बिल पर केन्द्र सरकार को देश के सभी मुख्यमंत्रियों से बैठक कर चर्चा करनी चाहिए। हमारी देश की संस्कृति और विविधता को अक्षुण रखने और लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए यह जरूरी है कि निर्णय लेने की प्रक्रिया में सभी का सहयोग लिया जाए। उन्होंने कहा कि मौजूदा केन्द्र सरकार ऐसा नहीं कर रही है इससे देश का भविष्य खतरे में पड़ गया है