Beware of alcohol addiction : ‘इतनी पी जाए कि मिट जाए मैं और तू की तमीज़/यानी ये होश की दीवार गिरा दी जाए’ फ़रहत शहज़ाद के इस शेर को पीने वाले ने तो नहीं, किसी और ने बहुत संजीदगी से ले लिया। लेकिन होश की दीवार गिराई नहीं बल्कि होश में ला दिया। मामला है उत्तर प्रदेश का जहां एक शख्स अपनी ही शादी में शराब पीकर जा पहुंचा। इसके बाद दुल्हन को इतना गुस्सा आया कि उसने बारात बैरंग लौटा दी।
शराब सेहत के लिए खराब है। नशे की लत बुरी होती है। ये बात हम सब जानते हैं। बावजूद इसके न तो शराब पीने वालों की संख्या में कमी आ रही है, न ही ड्रग्स का कारोबार मंदा पड़ रहा है। इसका मतलब तो ये हुआ कि लोग इन चीज़ों के नुकसान जानते-समझते हुए खुद को इनकी गिरफ्त में झोंक रहे हैं। और अगर ऐसा है तो फिर हमारी समझ, विवेक और चेतना का क्या ? मनुष्य का दिमाग और सोचने की क्षमता ही उसे अन्य प्राणियों से जुदा करती है लेकिन अगर हम अपनी समझ और निर्णय लेने की शक्ति का भी दुरुपयोग करने लगें तो फिर भला हमें बर्बादी की राह पर जाने से कौन बचा सकता है। किसी भी व्यक्ति की पहली जिम्मेदारी अपने प्रति होती है, तभी वो दूसरी जिम्मेदारियों का ठीक से निर्वहन कर सकता है। और शराब या नशे की लत इसमें बहुत बड़ी बाधा है।
क्या है मामला
शराब पीना सिर्फ सेहत के लिए ही नहीं..आपकी शादी के लिए भी हानिकारक हो सकता है। ये बात प्रतापगढ़ की इस घटना से साबित हो जाती है। यहां कंधई थाना क्षेत्र में रहने वाले संजय कुमार की बेटी की शादी करनपुर खुजी गाँव के युवक तोताराम उर्फ अनीस कुमार के साथ तय हुई थी। लेकिन तोताराम अपनी ही शादी में शराब पीकर जा पहुंचे। दुल्हन ने जब दूल्हे को लड़खड़ाते हुए देखा तो वो बिफर गई। इसके बाद वर और वधू पक्ष में इसे लेकर जमकर विवाद हुआ। लेकिन लड़की से शादी से साफ इनकार कर दिया और आख़िरकार बारात बिना दुल्हन के ही लौट गई। इस घटना से एक बार फिर साबित होता है कि शराब आपके स्वास्थ्य के साथ आपके रिश्ते भी खराब कर सकती है। जानें कितने घरों को नशे की इस लत ने उजाड़ दिया है और यहां तो घर बसने से पहले ही बिखर गया।
शराब से हो सकती हैं ये बीमारियां
शराब का सेवन शारीरिक, मानसिक और सामाजिक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है। शराब से हृदय रोग, उच्च रक्तचाप सहित कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। हार्वर्ड मेडिकल स्कूल और अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन ने चेताया है कि बहुत ज्यादा शराब पीने से दिल की धड़कन में अनियमितता (अरिथमिया), हाई ब्लड प्रेशर और अन्य हृदय रोगों का खतरा बढ़ता है। ज्यादा शराब से कैंसर का खतरा भी हो सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और अमेरिकन कैंसर सोसाइटी के अनुसार शराब सेवन कई प्रकार के कैंसर का कारण बन सकता है जैसे कि मुंह, गले, इसोफेगस (अन्नप्रणाली), लिवर और ब्रेस्ट कैंसर। शराब शरीर में कार्सिनोजेनिक यौगिकों का निर्माण कर सकती है, जो कोशिकाओं में कैंसरजन्य परिवर्तन का कारण बनते हैं। ये लीवर के फंकशन्स को भी प्रभावित करती है। शराब से लिवर सिरोसिस, फैटी लिवर और हेपेटाइटिस का खतरा बढ़ जाता है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑन अल्कोहल एब्यूज एंड अल्कोहलिज़्म (NIAAA) के अनुसार लिवर सिरोसिस में लिवर की कोशिकाएं नष्ट हो जाती हैं, जिससे लिवर खराब हो सकता है ।
शराब का मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव
शराब का मानसिक स्वास्थ्य पर भी कई प्रकार से नकारात्मक असर पड़ सकता है, जो समय के साथ और अधिक गंभीर हो सकते हैं। इसका अत्यधिक सेवन चिंता और डिप्रेशन को बढ़ा सकता है।शराब मस्तिष्क के रसायनों को प्रभावित करती है जो मूड को नियंत्रित करते हैं। शराब एक depressant है, यानी यह केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को दबाती है, जिससे मानसिक स्थिति और खराब हो सकती है। लंबे समय तक शराब का सेवन कई मानसिक विकृतियों का कारण बन सकता है। यह मतिभ्रम (hallucinations) और भ्रम (delusions) का कारण बन सकता है। शराब का लगातार सेवन मस्तिष्क की कार्यक्षमता को नुकसान पहुँचाता है जिससे स्मृति, ध्यान और निर्णय लेने की क्षमता में कमी आ सकती है। यह Alzheimer’s जैसे न्यूरोडिजेनेरेटिव रोगों के खतरे को भी बढ़ा सकता है। शनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ (NIMH) के अनुसार, शराब अवसाद, चिंता, और आत्महत्या के जोखिम को बढ़ा सकती है। शराब की आदत से मस्तिष्क में केमिकल असंतुलन होता है, जिससे मानसिक समस्याएँ उत्पन्न होती हैं। अगर आप या आपका कोई करीबी व्यक्ति शराब के मानसिक प्रभावों से जूझ रहे हैं तो मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से परामर्श करना जरूरी है।
शराब की लत से होने वाले सामाजिक नुकसान
शराब से कई तरह के नुकसान होते हैं, जो न सिर्फ उस व्यक्ति पर बल्कि समाज पर भी गहरा प्रभाव डालते हैं। शराब का अत्यधिक सेवन परिवारिक रिश्तों में तनाव पैदा करता है, जिससे घरेलू हिंसा, कलह और टूटे हुए संबंधों की संभावना बढ़ जाती है। शराब के नशे में व्यक्ति का व्यवहार असामान्य हो सकता है, जिसके कारण सड़क दुर्घटनाएं, झगड़े और अपराधों में वृद्धि होती है। यह समाज के लिए खतरे का कारण बनता है। शराब की लत व्यक्ति और उसके परिवार को आर्थिक रूप से कमजोर बना देती है। शराब के कारण होने वाली बीमारियों का इलाज कराना भी बड़ी समस्या का कारण बनता है।
WHO की रिपोर्ट में कहा गया है कि शराब पीने वाले लोगों में absenteeism की समस्या होती है, जिससे उनकी नौकरी पर भी असर पड़ता है और वे परिवार का आर्थिक संतुलन बिगाड़ देते हैं। शराब का सेवन नैतिक मूल्यों को कमजोर करता है। युवा पीढ़ी इसका अनुकरण करने लगती है, जिससे सामाजिक नैतिकता और आदर्शों का ह्रास होता है। शराब के कारण शिक्षा और करियर में भी गिरावट आती है। शराब के नशे में लोग अपनी पढ़ाई या कामकाजी जीवन को गंभीरता से नहीं लेते, जिससे सामाजिक और व्यक्तिगत विकास प्रभावित होता है। इन सभी कारणों से शराब समाज में गंभीर सामाजिक चुनौतियां पैदा करती है और इसके दूरगामी परिणाम समाज की समृद्धि और स्थिरता को नुकसान पहुँचाते हैं।