200 टन प्रतिदिन गीले कचरे से बायो सीएनजी प्लांट
वर्तमान में भोपाल शहर से लगभग 800 टन कचरा प्रतिदिन एकत्र होता है। इसके निष्पादन के लिए नगर निगम भोपाल द्वारा प्रति मीट्रिक टन 333 रूपए का व्यय किया जाता है। यह प्लांट लगने से भोपाल आरएनजी प्रायवेट लिमिटेड द्वारा भोपाल नगर निगम को 83 लाख की राशि प्रतिवर्ष रॉयल्टी के रूप में 20 वर्ष तक दी जाएगी एवं मार्केट रेट से 5 रूपए कम दर पर बायो सीएनजी प्रदान की जाएगी। प्लांट से उत्पन्न होने वाली बायो सीएनजी का उपयोग सिटी बसों में किया जाएगा। प्लांट की स्थापना पर 40 करोड़ का व्यय अनुमानित है, जो पूर्ण रूप से एजेंसी द्वारा स्वयं वहन किया जाएगा। एजेंसी द्वारा नगर निगम भोपाल से कचरा निष्पादन के लिए कोई भी प्रोसेसिंग फीस नहीं ली जाएगी। इस अनुसार प्लांट की स्थापना के पश्चात नगर निगम भोपाल को ठोस अपशिष्ट निष्पादन पर प्रतिवर्ष व्यय होने वाली राशि 2 करोड़ 43 लाख 9 हजार रूपए की बचत होगी।
400 टन प्रतिदिन सूखे कचरे से टॉरीफाईड चारकोल प्लांट
400 टन प्रतिदिन सूखे कचरे से टॉरीफाईड चारकोल प्लांट का निर्माण बिल्ट ऑन ऑपरेट मॉडल पर आधारित होगा। प्लांट की स्थापना एवं संचालन-संधारण कार्य एनटीपीसी द्वारा ही 25 वर्ष तक किया जाना है। आदमपुर छावनी में 15 एकड़ भूमि के क्षेत्रफल में इसकी स्थापना पर 80 करोड़ रूपए व्यय होना अनुमानित है, जो पूर्ण रूप से एनटीपीसी द्वारा वहन किया जाएगा। उत्पादित टॉरीफाइड चारकोल का उपयोग एनटीपीसी के विद्युत संयंत्रों में किया जाएगा। प्लांट से नगर निगम भोपाल को ठोस अपशिष्ट निष्पादन पर प्रतिवर्ष व्यय होने वाली राशि 4 करोड़ 86 लाख 18 हजार रूपए की बचत होगी। एमओयू करते समय प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन एवं विकास मनीष सिंह, आयुक्त निकुंज श्रीवास्तव तथा नगर निगम आयुक्त के.वी.एस. चौधरी उपस्थित रहे।