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Sat, Dec 20, 2025

एमपी अजब है: भोपाल नगर निगम की 50 साल पुरानी क्रेन निकली शहर के कंडम वाहन उठाने, एसीपी साहब ने दी अजीबोगरीब दलील

Written by:Shruty Kushwaha
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आप एक आम आदमी हैं तो आपका 15 साल पुराना वाहन कंडम घोषित हो जाता है। लेकिन सरकार वाहनों पर शायद ये नियम लागू नहीं होता। यही वजह होगी कि राजधानी की सड़कों पर पचास साल की क्रेन शान से चलती है और किसी पंद्रह साल पुरानी गाड़ी को उठा लेती है। और खास बात ये कि ड्राइवर का कहना है कि नगर निगम के पास सिर्फ यही एक क्रेन है। अगर ये बात सच है तो शहर के सारे कंडम वाहनों को उठाने का जिम्मा इकलौती बुजुर्ग क्रेन के ऊपर है और अधिकारियों को इस बात की सुध ही नहीं है।
एमपी अजब है: भोपाल नगर निगम की 50 साल पुरानी क्रेन निकली शहर के कंडम वाहन उठाने, एसीपी साहब ने दी अजीबोगरीब दलील

‘हम वहाँ हैं जहाँ से हम को भी..कुछ हमारी खबर नहीं आती’ कुछ ऐसा ही नज़ारा देखने को मिला राजधानी भोपाल में जब नगर निगम का अमला कंडम वाहनों को खोजखबर को निकला। लेकिन जिस क्रेन से कंडम-वाहन उठाए जा रहे थे..वो क्रेन खुद पचास साल पुरानी है।

एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ ने जब इस बाबत पूछताछ की तो क्रेन के ड्राइवर साहब ने बताया कि इसकी उम्र लगभग पचास साल है। उन्होंने तो ये भी बताया कि नगर-निगम में यही इकलौती क्रेन है। अगर उनकी बात सच है तो सवाल ये उठता है कि क्या इस क्रेन पर कंडम-वाहनों के लिए जारी नियम लागू नहीं होते हैं।

50 साल पुरानी नगर निगम की क्रेन

बीमारी का इलाज करने वाला डॉक्टर ही बीमार हो तो भला वो सही तरह से इलाज कर पाएगा ? कुछ ऐसा ही नज़ारा देखने को मिला भोपाल के जहांगीराबाद इलाके में। यहां नगर-निगम की क्रेन पहुंची थी कंडम-वाहनों को उठाने के लिए। ये कार्रवाई जायज़ भी है क्योंकि ऐसे वाहन जो लोगों और पर्यावरण दोनों के लिए खतरा हो..उन्हें उठा लिया जाना चाहिए। नियमों का पालन भी आवश्यक है। लेकिन प्रश्न ये कि क्या नियम सिर्फ आम लोगों के लिए हैं। क्या सरकारी विभाग के वाहनों पर ये नियम लागू नहीं होते हैं।

दरअसल..भोपाल नगर निगम की जिस क्रेन से शहर के कंडम वाहनों को उठाया जा रहा है वो खुद पचास साल पुरानी है। ऐसे में सवाल उठना लाज़मी है। जब क्रेन के ड्राइवर से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कन्फर्म किया कि ये पचास साल पुरानी हो चुकी है। हालांकि उनका तो ये भी कहना था कि क्रेन एकदम सही चलती है और इसकी क्षमता में कोई कमी नहीं आई है। लेकिन उन्हीं के मुताबिक नगर निगम में सिर्फ एक ही क्रेन है और वो भी पचास साल पुरानी। तो क्या नगर निगम के अधिकारियों का ध्यान अब तक इस ओर नहीं गया है।

ट्रैफिक एसीपी ने कही ये बात

इसे लेकर जब ट्रैफिक एसीपी अजय वाजपेयी से सवाल किया गया तो उन्होंने गोलमोल जवाब देकर बात को टालने की कोशिश की। उन्होंने उल्टा पत्रकारों से ही सवाल किया कि ‘कोई गाड़ी अगर ऐसी जगह खड़ी हो जिस कारण गंदगी हो रही हो या असुविधा हो रही हो, जाम लग रहा हो तो आप मुझे बताइए।’ जब उनसे नगर निगम की क्रेन को लेकर दुबारा सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि शासकीय वाहनों की कंडीशन देखना पड़ेगी और उसे सरकारी रूप से कंडम घोषित किया है या नहीं ये भी देखना होगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए शासकीय प्रक्रिया होती है और उसी के बाद सरकारी वाहनों को कंडम घोषित किया जाता है। इसी के साथ वो ये कहना भी नहीं भूले कि हो सकता है कोई वाहन बाहर खराब दिख रहा हो लेकिन अगर वो चलायमान है तो हमारे अतिक्रमण का हिस्सा नहीं है। इस तरह पचास साल पुरानी नगर निगम क्रेन के पक्ष में तर्क देकर एसीपी साहब तो निकल लिए लेकिन इस मामले पर क्या कोई ज़िम्मेदार अधिकारी ध्यान देंगे और आवश्यक कार्रवाई की जाएगी…ये सवाल अब भी बरकरार है।

भोपाल से जितेंद्र यादव की रिपोर्ट