हरदा कलेक्टर ऋषि गर्ग ने शुक्रवार को खिरकिया क्षेत्र के विभिन्न गांवों का दौरा कर ग्रामीणों की समस्या सुनी। इस दौरान सरकारी काम में लापरवाही बरतने और ग्रामीणों की समस्याओं का सही समय पर समाधान ना करने पर मांदला पटवारी संजय बागद्रे को निलंबित करने के निर्देश दिए।वही बेड़िया कलां में विद्युत वितरण कंपनी के लाइनमैन संदीप राजपूत द्वारा कर्तव्यों के प्रति लापरवाही बरतने कलेक्टर ने लाइनमैन को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के निर्देश दिए।
वही गांव की आंगनबाड़ी में पेयजल समस्या होने पर पीएचई की उपयंत्री दिव्या पटेल और महिला एवं बाल विकास विभाग की सुपरवाइजर कुमुद उइके द्वारा आंगनवाड़ी केंद्रों का निरीक्षण नहीं करने की शिकायत पर कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए है। इसके अलावा पीएचई के संबंधित ठेकेदार को ब्लैक लिस्टेड करने के लिए कहा। वही बीइओ मनोज झिंगन की दो वेतनवृद्धि रोकने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।
इधर उज्जैन उन्हेल थाने के पूर्व टीआइ विपिन बाथम को एसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ला ने निलंबित कर दिया गया है, उनके खिलाफ एक महिला ने दुष्कर्म का केस दर्ज करवाया है। आरोप है कि बाथम ने उसे शादी का झांसा देकर सालों तक उसके साथ दुष्कर्म किया और इसकी शिकायत भोपाल के महिला थाने में की गई थी। पुलिस ने जीरो पर केस दर्ज कर मामला उन्हेल थाने भेज दिया। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है। जल्द ही महिला के बयान दर्ज किए जाएंगे। इसके बाद टीआइ की गिरफ्तारी भी हो सकती है।
सीहोर के आष्टा में स्थानीय कृषि उपज मंडी में लंबे समय से फ्लैट काटे अर्थात बड़े कांटे से तौल को लेकर चल रहे किसानों, व्यापारियों और हम्मालों के बीच विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। शुक्रवार 13 मई को किसानों ने विरोध जताते हुए नीलामी कार्य को रुकवाया और मंडी प्रशासन को शासन के आदेश का पालन कराने तथा हम्माली काटने पर कार्रवाई करने की मांग करते हुए प्रदर्शन किया ।इस मामले को गंभीरता से लेते हुए मंडी सचिव राजेश कुमार साकेत ने 10 व्यापारियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
सागर के बीना में सीएमएचओ डॉ. सुरेश बौद्ध ने अस्पताल के खराब प्रदर्शन और मरीजों की घटती संख्या पर एक्शन लेते हुए चार कर्मचारियों साधना गुप्ता, प्रीति अहिरवार, बीपीएम प्रशांत मांझी तथा बीसीएम जागेश्वर राज को नोटिस देकर तीन माह का रिकार्ड मांगा है। इसमें तीन माह की डिलीवरी का लेखा-जोखा और नियमित रूप से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आगासौद का भ्रमण करने के निर्देश दिए। नोटिस में लिखा है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में संस्थागत प्रसव बिल्कुल बंद हो गए हैं, जिस कारण स्वास्थ्य केंद्र लेवल 2 का होने के बाद भी नान फंक्शनल श्रेणी में आ गया है। इससे प्रदेश में जिले की छवि खराब हो रही है।