Live In Relationship पर इलाहबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, कहा ‘बालिग जोड़े को साथ रहने की आजादी, माता पिता भी नहीं रोक सकते’

Live In Relationship :  इलाहबाद हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए लिव इन रिलेशनशिप को मान्यता दी है और एक बालिग जोड़े को साथ रहने की आजादी पर मुहर लगाई है। अदालत ने कहा कि बालिग जोड़ा अपनी मर्जी से साथ रह सकता है और इसमें उनके माता पिता या किसी और को भी हस्तक्षेप का अधिकार नहीं है। ये आदेश न्यायमूर्ति सुरेंद्र सिंह की एकल पीठ ने गौतमबुद्ध नगर की रजिया और अन्य की याचिका को निस्तारित करते हुए सुनाया।

क्या है मामला

अदालत ने इस अंतर्धामिक जोड़े के मामले में अपना फैसला सुनाते हुए ये बात कही। याचिकाकर्ता रजिया ने वो और उसका साथी बालिग हैं और अपनी इच्छा से एक साथ रहना चाहते हैं व भविष्य में विवाह भी करना चाहते हैं। लेकिन परिवारवाले इस संबध को लेकर नाखुश हैं और लगातार उन्हें धमकी मिल रही है। उसने खुद को परिवार वालों से खतरा बताते हुए ऑनर किलिंग की आशंका भी जाहिर की थी। याचिकाकर्ता ने कहा कि उसके द्वारा मामले की शिकायत पुलिस कमिश्नर से की गई थी, लेकिन कोई कार्रवाई न होने पर उसने हाईकोर्ट से गुहार लगाई है।

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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।