शिवराज सरकार की बड़ी तैयारी, 2671 करोड़ 69 लाख 32 हजार की स्वीकृति, 8 जिलों को मिलेगा लाभ

Pooja Khodani
Published on -
mp cm shivraj

भोपाल/इंदौर, डेस्क रिपोर्ट। आगामी चुनावों 2024 से पहले एमपी शिवराज सरकार (MP Shivraj Government) का पूरा फोकस योजनाओं पर बना हुआ है।हाल ही लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (MP PHE Department) द्वारा इंदौर संभाग के 8 जिलों के लिए 2671 करोड़ 69 लाख 32 हजार रूपये लागत की 2379 जल-प्रदाय योजनाओं की स्वीकृति दी गई है, जिसका काम 2024 तक पूरा होगा।खास बात ये है कि  जल जीवन मिशन में इंदौर, ग्वालियर-चंबल, भोपाल, उज्जैन, सागर, सतना,रीवा जबलपुर संभाग में इंदौर संभाग सबसे आगे है। इसमें करीब 10 लाख ग्रामीण परिवारों को अबतक नल से जल मिल चुका है।

Vyapam Recruitment 2022: 400 पदों पर निकली भर्तियां, मई में होगी परीक्षा, जानें आयु-पात्रता

जल जीवन मिशन  (Water Life Mission)  में प्रदेश की समग्र ग्रामीण आबादी को घरेलू नल कनेक्शन से पेयजल की आपूर्ति किए जाने के लिए जल संरचनाओं की स्थापना एवं विस्तार के कार्य किए जा रहे हैं।इन्दौर संभाग में भी मिशन के जरिए 9 लाख 67 हजार ग्रामीण परिवारों को नल कनेक्शन से जल उपलब्ध करवाकर संभाग भौतिक प्रगति में अब तक प्रदेश में अव्वल है। मिशन में इंदौर जिले की 387, धार 412, झाबुआ 425, बड़वानी 265, अलीराजपुर 114, खरगोन 380, खण्डवा 313 तथा बुरहानपुर जिले की 83 जल संरचनाएँ शामिल हैं। इन जिलों के लिए नवीन योजनाओं के साथ ही विभिन्न ग्रामों में पूर्व से निर्मित पेयजल अधो-संरचनाओं को नये सिरे से तैयार कर रेट्रोफिटिंग के अन्तर्गत भी कार्य किये जा रहे हैं।

खुशखबरी: कर्मचारियों की जल्द बढ़ेगी सैलरी! खाते में आएगी इतनी राशि, जानें ताजा अपडेट

मध्य प्रदेश की ग्रामीण आबादी शुद्ध पेयजल के लिए परेशान न हो, इसके लिए मिशन में तेजी से कार्य जारी हैं। जहाँ जल-स्त्रोत हैं, वहाँ उनका समुचित उपयोग कर और जिन ग्रामीण क्षेत्रों में जल-स्त्रोत नहीं हैं, वहाँ नये स्त्रोत निर्मित कर ग्रामीण परिवारों को पेयजल प्रदाय किया जायेगा। यह व्यवस्था चरणबद्ध तरीके से वर्ष 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य है।विभाग के मैदानी अमले द्वारा मिशन के मापदण्डों के अनुसार नवीन और रेट्रोफिटिंग के रूप में स्वीकृत सभी जल-प्रदाय योजनाओं के कार्य सतत रूप से जारी हैं।

 


About Author
Pooja Khodani

Pooja Khodani

खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

Other Latest News