MP News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वकांक्षी योजना आयुष्मान में गड़बड़ियों के आरोप में मध्यप्रदेश में एक सहायक ग्रेड 3 को निलंबित कर दिया गया है।आशीष महाजन नाम के बाबू पर आरोप है कि आयुष्मान भारत योजना में कार्य करते हुए उसने करोड़ों रुपए की फिरौती वसूली। संचालनालय स्वास्थ्य विभाग से निकला आदेश अपने आप में आयुष्मान योजना में हो रही अरबों रुपए की लूट जीती जाती कहानी कह रहा है।
“श्री आशीष महाजन सहायक ग्रेड-3,संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें मध्यप्रदेश के विरुद्ध उनकी आयुष्मान भारत योजना में मध्यप्रदेश में पदस्थापना के दौरान सारी दलाली, वेंडरों से लेनदेन, निजी अस्पतालों का भयादोहन कर उनसे करोड़ों रुपए की अवैध वसूली फिरौती के गंभीर आरोपों से संबंधित शिकायती पत्र प्राप्त हुए हैं।” यह भाषा है संचालनालय स्वास्थ्य विभाग के उपसंचालक के द्वारा जारी आदेश की जिसमें आशीष महाजन नामक सहायक ग्रेड-3 को निलंबित किया गया है।यानि साफ तौर पर इसमें स्वीकार कर लिया गया है आयुष्मान भारत योजना में करोड़ों रुपए की अवैध वसूली हुई और इसका सारा ठीकरा आशीष महाजन फोड़ दिया गया है।
अब सवाल यह है कि आशीष महाजन को ऐसी कौन सी महाशक्तियां प्राप्त थी जिनके माध्यम से वह यह सारे कृत्य को अंजाम दे रहा था और निजी अस्पताल भी उससे डर रहे थे जबकि सहायक ग्रेड 3 के पास ना तो कोई कार्यकारी शक्तियां होती हैं और ना ही. वित्तीय अधिकार। अब जरा पीछे चलते हैं।कुछ दिन पहले ही आयुष्मान निरामय भारत मध्य प्रदेश की तत्कालीन एडिशनल सीईओ सपना लोवंशी पर भ्रष्टाचार के आरोपों से संबंधित तथाकथित वीडियो वायरल हुए थे जिनके बारे में बताया गया कि अब इनकी जांच चल रही है।इसके अलावा आयुष्मान निरामय भारत, मध्यप्रदेश में पदस्थ रही वित्तीय अधिकारी रीना यादव पर भी वित्तीय अनियमितताओं के आरोप थे। इन लोगों पर कोई कार्यवाही तो हुई नहीं, आशीष महाजन को बलि का बकरा बना दिया गया।
संभवत यह पहला ऐसा सरकारी आदेश है जिसमें किसी भी सरकारी कर्मचारी के ऊपर ‘फिरौती’ वसूलने जैसे शब्द का प्रयोग किया गया है। फिरौती एक ऐसा शब्द है जो अक्सर डकैतों द्वारा की जाने वाली वसूली में प्रयुक्त होता है। सवाल यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो योजना गरीब आदमी के इलाज के लिए बनाई,उस योजना पर डकैती डालने वाला सरगना कौन है। यह शोध का विषय है और अगर आशीष महाजन ने करोड़ों रुपए की फिरौती वसूली है तो क्या उसके ऊपर भी डकैती से संबंधित धारा लगेगी!यदि शिकायतों को ही निलंबन का आधार बनाया जाना है तो उच्च अधिकारियों के विरुद्ध दर्जनों शिकायतें प्राप्त होने के पश्चात भी अभी तक कार्यवाही क्यों नहीं की गई।