हजारों पेंशनरों की बड़ी तैयारी, सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा, पेंशन की मांग, CM को लिखा पत्र, मिलेगा लाभ!

Pooja Khodani
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। एक तरफ एमपी की बिजली कंपनियों ने 40 हजार पेंशनरों की पेंशन देने से इंकार कर दिया है। वही दूसरी तरफ बिजली कर्मचारियों-पेंशनरों ने राज्य की शिवराज सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पेंशन ना मिलने के कारण हजारों कर्मचारी आज 4 अक्टूबर को पूरे प्रदेश भर में विरोध प्रदर्शन करेंगे और कलेक्टर को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा।इसके बाद भी अगर समाधान नहीं किया गया तो 7 अक्टूबर को प्रदेशभर में आंदोलन और धरना होगा।

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दरअसल, पेंशन की मांग को लेकर बिजली कर्मचारियों में आक्रोश और नाराजगी बढ़ती जा रही है। 40000 पेंशनरों की बतौर पेंशन राशि 170 करोड़ लंबित है। एमपी पावर ट्रांसमिशन कंपनी ने बजट नहीं होने का हवाला देकर पेंशन देने से इंकार कर दिया है, वही बिजली की सब्सिडी का पैसा भी राज्य सरकार द्वारा ना मिलने की बात कही है।इसके विरोध में  बिजली कर्मचारी संगठन यूनाइटेड फोरम ने बैठकर रणनीति बनाई है और अपनी मांगों को लेकर पूरे प्रदेश में 4 अक्टूबर को प्रदर्शन किया जाएगा, कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा।

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इसके साथ ही 7 अक्टूबर को प्रदेशभर के जिला मुख्यालय पर धरना दिया जाएगा।  बिजली कंपनियों ने 40 हजार पेंशनरों की पेंशन देने से इंकार किया है।वही संगठन ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र भी लिखा है।अधिकारियों एवं कर्मचारियों के फोरम ने कहा कि प्रदेश में ऐसा पहली बार हुआ है। जबकि बिजली कंपनियों के पेंशनरों को समय पर पेंशन नहीं मिली।पेंशन नहीं मिलने से परेशान पेंशनर्स फोरम फॉर पावर एंप्लाइज एवं इंजीनियर्स के बैनर तले लामबंद हो गए।हालांकि मप्र पावर ट्रांसमिशन कंपनी के एमडी का कहना है कि अभी पेंशनरों को पेंशन नहीं मिल सकी है। एक-दो दिन में पेंशन जारी कर दी जाएगी।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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