भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश के हजारों कर्मचारियों-अधिकारियों के लिए काम की खबर है। 9 नवंबर से शुरू होने जा रहे मतदाता सूची के पुनरीक्षण काम के चलते अब 2 महीने तक तबादले नहीं किए जाएंगे। इस संबंध में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने सामान्य प्रशासन विभाग को भी पत्र लिखा है। हालांकि उन्होंने कहा है कि यदि किसी अधिकारी या कर्मचारी का तबादला करना आवश्यक है तो विभाग को पहले निर्वाचन आयोग की अनुमति लेनी होगी।
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दरअसल, मध्य प्रदेश के शासकीय अधिकारी एवं कर्मचारियों के तबादलों पर निर्वाचन आयोग द्वारा रोक लगा दी गई। कलेक्टर-कमिश्नर से लेकर पटवारी और शिक्षक तक सभी प्रशासनिक अधिकारी एवं कर्मचारियों के तबादले रोक दिए गए हैं। इन अधिकारियों-कर्मचारियों में कमिश्नर, कलेक्टर, अनुविभागीय अधिकारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, शिक्षक, पटवारी शामिल हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के अधिकारियों की मानें तो 65 हजार शिक्षक, पटवारी सहित अन्य कर्मचारियों को बूथ लेवल ऑफिसर बनाया गया है, जिन्हें आगामी 9 नवंबर से 8 दिसंबर तक मतदान केंद्रों पर बैठना है ।वही साथ नाम जोड़ने, हटाने या संशोधन के जो आवेदन लिए जाएंगे, उनका निराकरण 26 दिसंबर तक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी करेंगे।
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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मतदाता सूची के काम में संभागायुक्तों को पर्यवेक्षक बनाया गया है। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी के नेतृत्व में पुनरीक्षण कार्य संपन्न् होना है। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के लिए अनुविभागीय अधिकारी (एसडीएम) को रजिस्ट्रीकरण अधिकारी बनाया है। इनकी मदद के लिए तहसीलदार और नायब तहसीलदार को सहायक रजिस्ट्रीकरण नियुक्त किया है।