MP Employees Officers holiday : मध्य प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए अच्छी खबर है। राज्य शासन द्वारा 22 मई महाराणा प्रताप जयंती पर पूर्व में घोषित ऐच्छिक अवकाश के स्थान पर सामान्य अवकाश घोषित किया गया था। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा आदेश को संशोधित करते हुए 22 मई 2023 को महाराणा प्रताप जयंती/छत्रसाल जयंती पर सामान्य अवकाश घोषित किया गया है।बता दे कि मध्य प्रदेश में 1 मई से 15 जून तक पहले ही स्कूलों में ग्रीष्मकालीन अवकाश घोषित कर दिया गया है और शिक्षकों के लिए अवकाश 1 मई से 9 जून तक घोषित किया गया है।
आज सामान्य अवकाश घोषित
दरअसल, मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय द्वारा मई के महीने में एक और सामान्य अवकाश घोषित करने के लिए अधिसूचना जारी कर दी है।इसमें लिखा है कि दिनांक 19 दिसंबर 2022 को जारी अधिसूचना में आंशिक संशोधन करते हुए सोमवार 22 मई 2023 को महाराणा प्रताप जयंती, पूर्व में घोषित ऐच्छिक अवकाश के स्थान पर संपूर्ण मध्यप्रदेश में सामान्य अवकाश घोषित किया जाता है।आज महाराणा प्रताप जयंती के अवसर पर पूरे मध्यप्रदेश में सरकारी छुट्टी रहेगी। यह अधिसूचना दिनांक 5 मई 2023 को श्रीनिवास शर्मा सचिव के हस्ताक्षर से जारी की गई।
आज नेहरू स्टेडियम में जयंती समारोह, CM होंगे शामिल
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय कृषि एवं किसान-कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर और महाराणा प्रताप के वंशज महाराज कुमार डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ 22 मई महाराणा प्रताप एवं महाराजा छत्रसाल की जयंती पर “शूरवीरों के प्राकट्य दिवस” में शामिल होंगे। अतिथियों द्वारा महारानी पद्मावती की प्रतिमा का अनावरण भी किया जायेगा। समारोह दोपहर 12 बजे मोतीलाल नेहरू स्टेडियम, लाल परेड ग्राउंड भोपाल में होगा। राज्य सरकार द्वारा महाराणा प्रताप और महाराजा छत्रसाल की जयंती – 22 मई को सामान्य अवकाश घोषित किया गया है।
महाराणा प्रताप के बारे में
महाराणा प्रताप का नाम लेते ही हमारे सामने एक देश प्रेमी, स्वतंत्रता का उपासक, स्वाभिमानी, वीरता के ओज से भरे मुँह, लम्बी मूंछों वाले, हाथों में भाला लिये चेतक सवार अश्वारोही का चित्र उभरकर आता है। हर भारतीय उन्हें श्रद्धा का पात्र और जन्म-भूमि के स्वतंत्रता के संघर्ष का प्रतीक मानता है। महाराणा प्रताप का जन्म सूर्यवंशी राम के वंश के क्षत्रिय वर्ग की गहलोत वंशावली में सिसोदिया कुल में उदयपुर के राणा उदय सिंह के घर चित्तौड़ दुर्ग में सन् 1540 को हुआ। योद्धा के रूप में राणा पदवी इस वंश को सम्मान में दी गई थी।