BHEL कर्मचारियों के वेतन में 15.5% की कटौती, सितंबर से घटकर आएगी सैलरी, BJP विधायक कृष्णा गौर ने CMD को आदेश वापस लेने लिखा पत्र

BHEL Employees Salary Update : भेल कर्मचारियों के लिए बुरी खबर है। मध्य प्रदेश के भोपाल में स्थित भारत सरकार की कंपनी भारत हेवी इलेक्ट्रिकल लिमिटेड के सुपरवाइजर और एग्जीक्यूटिव स्तर के अधिकारियों को वाहन भत्ता, साफ-सफाई अलाउंस और यूनिफार्म मेंटेनेंस समेत अन्य भत्तों में 50% की कटौती कर दी गई। इससे करीब 2500 अधिकारी, सुपरवाइजर और कर्मचारियों के वेतन में 15.5% की कटौती होगी। हालांकि, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का वेतन यथावत रखा गया है। इसे लेकर भाजपा विधायक कृष्णा गौर ने भेल के सीएमडी को पत्र लिखकर आदेश वापस लेने की मांग की है।

बीजेपी विधायक ने लिखा पत्र

भेल प्रबंधन के सैलरी में कटौती के प्रस्ताव के विरोध में अब बीजेपी विधायक कृष्णा गौर उतर आई है।मूल वेतन का 15.5% पर्क अलाउंस की कटौती का आदेश का कृष्णा गौर ने विरोध किया । इसके लिए कृष्णा गौर ने BHEL सीएमडी को पत्र लिखा है और आदेश वापस लेने को कहा है। इसके बदले गौर ने पत्र में भारत सरकार से दूसरे विकल्प तलाशने की अपील की है। कृष्णा गौर ने कहा कि दिल्ली में प्रतिनिधि मंडल के साथ केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री से कटौती वापस लेने का अनुरोध करेंगे ।आदेश से हर पर्यवेक्षक एवं अधिकारी का 15 से 25 हजार रुपए का नुकसान होगा।

घाटे की भरपाई के लिए कटौती, 16000 तक कम होगी सैलरी

दरअसल, भेल प्रबंधन ने घाटे की भरपाई करने के लिए वेतन कटौती का आदेश जारी किया है । भारत हैवी इलेक्ट्रिकल लिमिटेड (BHEL) के 10 हजार एग्जीक्यूटिव और सुपरवाइजर के बेसिक वेतन में 15.5% की कटौती की गई है।  इससे भोपाल भेल में 2 हजार से अधिक अधिकारी, सुपरवाइजर और कर्मचारियों के वेतन में  कटौती की जाएगी।कटौती अगस्त महीने से होनी है यानी सितंबर महीने से उनके वेतन घटकर आएंगे। इसका असर भोपाल बीएचईएल में कार्यरत सुपरवाइजर और एग्जीक्यूटिव पर भी पड़ेगा। अगर कर्मचारियों का बेसिक वेतन औसत 1 लाख रुपये है तो उसमें 15 से 16 हजार रुपये कम हो जाएंगे। जिस पर चिंता जताते हुए बीजेपी विधायक ने पत्र लिखा है।

BHEL कर्मचारियों के वेतन में 15.5% की कटौती, सितंबर से घटकर आएगी सैलरी, BJP विधायक कृष्णा गौर ने CMD को आदेश वापस लेने लिखा पत्र


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Pooja Khodani

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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