भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश में नई शिक्षा नीति (new education policy) लागू हो गई है, जिसके तहत 2030 तक 32 लाख लोगों को साक्षर बनाने की तैयारी है। इसके लिए शिवराज सरकार (Shivraj Sarkar) नवभारत साक्षरता कार्यक्रम चलाने जा रही है और 5 साल का रोडमैप भी तैयार किया गया है, जिसका प्रस्ताव जल्द ही आगामी दिनों में होने वाली कैबिनेट बैठक में रखा जाएगा।मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) की मंजूरी मिलते ही इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा।
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दरअसल, वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, मध्य प्रदेश में असाक्षरों की 1 करोड़ 74 लाख 24 हजार 138 है, ऐसे लोगों को औपचारिक शिक्षा देने के लिए शिवराज सरकार ने नवभारत सारक्षरता कार्यक्रम (Navbharat Literacy Program) चलाने का मास्टर प्लान बनाया है, इसके तहत 5 साल में 15 साल से ऊपर उम्र वाले करीब 32 लाख लोगों को साक्षर किया जाएगा। केंद्र सरकार (Central Government) भी साक्षरता कार्यक्रम चलाने की योजना को स्वीकृति दे चुकी है और वर्ष 2021-22 के लिए सात करोड़ 41 लाख रुपए भी मंजूर कर दिए गए हैं।
आगामी कैबिनेट बैठक (Cabinet Meeting) में इस प्रस्ताव को पेश किया जएगा। यदि मंजूरी मिलती है तो यह कार्यक्रम जल्द शुरू करने की तैयारी है। खास बात ये है कि इसके लिए अलग से कोई नियुक्ति नहीं की जाएगी। समग्र शिक्षा अभियान, स्कूल शिक्षा विभाग, सेवानिवृत्त कर्मचारी, स्व सहायता समूह, नेहरू युवा केंद्र, जन अभियान परिषद, आजीविका मिशन के समूहों के साथ विद्यार्थियों का सहयोग लिया जाएगा। ये सभी लोग अक्षर साथी कहलाएंगे।
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वही कार्यक्रम के संचालन के लिए पोर्टल होगा, जिस पर सभी तरह की जानकारियां अपलोड की जाएंगी। इसके संचालन के लिए 322 डाटा एंट्री ऑपरेटर आउटसोर्स के माध्यम से रखे जाएंगे। इस कार्यक्रम के तहत किसी को भी किसी भी तरह का पारिश्रमिक या मानदेय नहीं मिलेगा।शिक्षण सामग्री साक्षरता कक्षाओं का संचालन करने वालों को शासन की ओर से निशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही प्रत्येक अक्षर साथी को यह शपथ पत्र भी देना होगा कि वे भविष्य में इस काम के एवज में न तो शासकीय नौकरी की मांग करेंगे और न ही किसी प्रकार की सुविधा मांगेंगे।