भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश सरकार (MP Government) द्वारा सहकारिता क्षेत्र (MP co-operative society) को विस्तार देने के लिए सहकारी समितियों के लिए कई बड़े ऐलान किए गए है। इसी बीच अब आम जनता को सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सहकारिता क्षेत्र में सेवा प्रदाता समिति (service provider committee) का गठन किया जाएगा। राज्य शासन द्वारा इसकी तैयारी की जा रही है। वही बड़े शहरों में 1 से अधिक जिला मुख्यालय पर कम से कम एक समिति गठित की जाएगी।
समितियों में निजी तौर पर कारपेंटर प्लंबर सहित अन्य सेवा देने वाले प्रशिक्षित कर्मचारियों (employees) को जोड़ा जाएगा। राज्य शासन द्वारा यह नवाचार इसलिए किया जा रहा है ताकि उपभोक्ता को सारी सेवाएं एक जगह आसानी से उपलब्ध हो सके। दरअसल अभी उपभोक्ताओं के साथ धोखाधड़ी की शिकायत आती रहती है। वही सहकारिता विभाग कि नवीन परियोजना के मुताबिक जो सेवा उपभोक्ता को निजी तौर पर उपलब्ध करवाई जाती है। उन्हें अब सहकारी समितियों के माध्यम से उपभोक्ताओं तक पहुंचाया जाएगा। इसके लिए सेवा प्रदाता सहकारिता समिति गठित की जाएगी।
वहीं राज्य शासन पर इसके लिए शुल्क निर्धारित किए जाएंगे। इस मामले में विभाग के संयुक्त पंजीयक अरविंद सिंह सेंगर का कहना है कि शहर में तेजी से विस्तार हो रहा है। निजी तौर पर कई कॉलोनियां बन रही है और निर्माण कार्य भी जारी है। रहवासियों को आए दिन दरवाजे खिड़कियों के लिए प्रशिक्षित व्यक्तियों की जरूरत होती है। वहीं निजी तौर पर यह सेवा मिलती है पर इसके लिए उपभोक्ताओं को काफी लंबा इंतजार करना पड़ता है।
शुल्क को लेकर भी धोखाधड़ी के कई मामले सामने आते हैं। राशि के नाम पर आ रही शिकायतों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की जाती है। जिसको देखते हुए विभाग द्वारा यह नवाचार किया जा रहा है। जिसके बाद समिति अपना एक फोन नंबर सार्वजनिक करेगी और समिति में प्रशिक्षित कार्पेंटर, प्लंबर सहित अन्य सभी सेवा प्रदाता को जोड़ा जाएगा। जो निजी तौर पर सेवाएं उपलब्ध करा रहे हैं।
वही जब किसी सेवा के लिए किसी उपभोक्ता की तरफ से संपर्क साधा जाएगा तो उस क्षेत्र के संबंधित सेवा प्रदाता को अवगत करा दिया जाएगा। सेवा के बदले लिया जाने वाला शुल्क राज्य स्तर पर निर्धारित किया जाएगा। इसका सीधा सीधा फायदा आमजन को मिलेगा और जनता को सुविधा के अनुरूप सेवाएं उपलब्ध करवाई जा सकेगी।