बदलते समीकरणों से परेशान भाजपा-कांग्रेस, हॉट सीट पर बढ़ा सस्पेंस

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भोपाल। लोकसभा चुनाव के लिए पिछले दो माह से चल रहे मंथन के बाद भी भाजपा और कांग्रेस प्रदेश की सभी सीटों पर प्रत्याशी घोषित नहीं कर सकी| कयास लगाए जा रहे थे कि 30 मार्च से पहले ही सभी सीटों पर उम्मेदारों का फैसला हो जाएगा और घोषित प्रत्याशी तैयारियों में जुट जाएंगे| लेकिन बदलते समीकरणों के चलते प्रदेश की हॉट सीटों पर नाम फाइनल नहीं हो सके| भाजपा ने 21 तो कांग्रेस ने 22 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है| 

शनिवार को भाजपा ने तीन संसदीय सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दिए| इसके बाद भी भोपाल और इंदौर सीट पर सस्पेंस और बढ़ गया है। इसके अलावा गुना-शिवपुरी, और विदिशा सीट को लेकर भी चर्चाएं थम नहीं रही है| वहीं कांग्रेस में भी इंदौर, गुना, राजगढ़ और गुना पर फैसला नहीं हो पाया| विदिशा सीट मौजूदा सांसद और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भी चुनाव लड़ने से बहुत पहले इंकार कर चुकी हैं। इसके बाद भी भाजपा ने अपनी तीसरी सूची मे भी यहां के प्रत्याशी के नाम का खुलासा नहीं किया। यहां से पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, उनकी पत्नी साधना सिंह से लेकर पार्टी के कई स्थानीय नेताओं के नाम चर्चा में हैं। कांग्रेस भी भाजपा उम्मीदवार के ऐलान के इंतजार में है| 


ग्वालियर पर लम्बे मंथन के बाद फैसला, अनूप मिश्रा की उम्मीदें टूटी 

लम्बे मंथन के बाद भाजपा ने ग्वालियर पर फैसला कर दिया| पार्टी ने महापौर विवेक शेजवलकर को चुनाव मैदान में उतारने का ऐलान किया है। विवेक के पिता नारायण कृष्ण शेजवलकर भी ग्वालियर से सांसद रह चुके हैं। विवेक बीते चार लोकसभा चुनाव से ग्वालियर से टिकट की मांग कर रहे थे। ग्वालियर में मराठा वोटों की संख्या करीब चार लाख से ज्यादा है। विवेक शेजवलकर भी इसी समुदाय से आते हैं। वहीं इस फैसले के बाद अनूप मिश्रा के चुनाव लड़ने की संभावना पूरी तरह ख़त्म होती दिख रही है| मुरैना से नरेंद्र तोमर को टिकट मिलने के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि पार्टी नाराज मिश्रा को साधने के लिए ग्वालियर उन्हें उतार सकती है| लेकिन आखिरकार पार्टी ने इस उम्मीद पर पानी फेर दिया| 

भोपाल इंदौर पर सबसे ज्यादा खींचतान, सस्पेंस बरकरार  

मध्य प्रदेश की भोपाल और इंदौर सीट पर सबसे ज्यादा खींचतान नजर आ रही है| भोपाल में कांग्रेस ने दिग्विजय सिंह को उतारा है, जिसके बाद से ही भाजपा को जिताऊ उम्मेदर तय करने में समय लग रहा है| कई रणनीति बदलने के बाद भी अब तक नाम फाइनल नहीं हो पाया| वहीं इंदौर में भाजपा को बड़े घमासान के दौर से गुजरना पड़ रहा है| ताई के पत्र लिखकर चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा के बाद भी स्तिथि साफ़ नहीं हो पाई है| समझा जा रहा था कि इसके बाद पार्टी इंदौर सीट को लेकर अपना रुख स्पष्ट कर दे, लेकिन आज जारी सूची में भी इंदौर को लेकर इंतजार खत्म नहीं हो सका।

सिंधिया की सीट पर चर्चाओं का दौर जारी 

हाई प्रोफाइल सीटों में से एक गुना-शिवपुरी संसदीय क्षेत्र से अब तक दोनों ही पार्टी में मंथन जारी है| कांग्रेस से वर्तमान सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की सीट बदलने की चर्चा रह रहकर सामने आ रही है, तो वहीं उनकी पत्नी प्रियदर्शिनी राजे के भी चुनाव लड़ने के कयास लगाए जा रहे हैं| हालांकि दोनों ही बातें कई बार पार्टी नेता नकार चुके हैं, लेकिन फैसला नहीं हो पाने के चलते चर्चाओं का दौर जारी है| वही भाजपा भी अब तक गुना के लिए अपना चेहरा तय नहीं कर पाई है|  


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