15 महीने सत्ता में बने रहने के बाद मार्च महीने प्रदेश की सियासत में आई भूचाल से कमलनाथ की सरकार गिर गई थी। जिसके बाद से कांग्रेस लगातार बीजेपी और शिवराज सिंह चौहान पर इसका इल्जाम लगाती रही है। वहीं बीजेपी की तरफ से भी जुबानी वार का प्रतिवार जारी रहा है। अब कांग्रेस द्वारा शिवराज सिंह चौहान पर लगातार हो रहे जुबानी हमले पर बीजेपी वार्ताकार दुर्गेश केसवानी ने कांग्रेस को आड़े हाथ लिया है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर गंभीर निशाना साधते हुए दुर्गेश केसवानी ने कहा कि सत्ता के अहंकार में आपने अपने विधायकों से बात करनी छोड़ दी थी। इसी अहंकार के साथ कारण सारे विधायक आपका साथ छोड़ कर चले गए हैं।
दरअसल मंगलवार को प्रदेश भाजपा वार्ताकार दुर्गेश केसवानी ने अपने पैरोडी अकाउंट से ट्वीट करते हुए कहा कि कांग्रेस के दोनों वरिष्ठ नेता सत्ता के मद में इतने चूर हो गए थे कि वह अपने ही विधायकों से विश्वासघात करने लगे थे। अपने ही विधायकों से वह बात तक नहीं करते थे। पूर्व मुख्यमंत्री के इसी अहंकार की वजह से उनके लोग पार्टी छोड़कर बीजेपी में आए हैं। इसके साथ ही केसवानी ने कहा कि प्रदेश की जनता ने कांग्रेस पर भरोसा किया था लेकिन इन्होंने मध्य प्रदेश को लूटने में अपना सारा समय गुजार दिया और प्रदेश को अनाथ कर दिया था। साथ ही उन्होंने कमलनाथ सरकार पर माफिया और ब्लैकमेलर का साथ देने के भी आरोप लगाए हैं।
बागी विधायकों ने लगाए थे कमलनाथ पर आरोप
गौरतलब हो कि प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के अहंकारी व्यक्तित्व की चर्चा राजनीतिक गलियारों में हमेशा रही है। खुद उनके पार्टी के कई विधायक उन पर यह आरोप लगा चुके हैं। कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए 22 विधायकों ने यह बात कही थी कि कमलनाथ ना तो उनसे बात करते थे और ना ही उनकी बातों को सुना करते थे।
कांग्रेसी नेता भी कांग्रेस नेतृत्व पर उठा चुके हैं सवाल
इधर कुछ दिन पहले ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गोविंद सिंह ने भी अपनी ही पार्टी के नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठाते हुए कहा था कि केंद्रीय नेतृत्व के साथ-साथ प्रदेश कांग्रेस का नेतृत्व भी कमजोर अवस्था में है। वहीं उन्होंने यह आरोप लगाए थे कि कांग्रेस नेतृत्व की वजह से पार्टी में विधायकों को उनकी क्षमता के अनुरूप कार्य का बंटवारा नहीं किया जाता है। जिसके कारण विधायक पार्टी छोड़ने को मजबूर हो रहे हैं।
बता दे कि फरवरी माह में मध्यप्रदेश की सियासत में बड़ा उलटफेर हुआ था। जहां कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया पार्टी से इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हो गए थे। उनके बीजेपी ज्वाइन करते ही कांग्रेस के 22 विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गई थी और सत्ताविहीन हो गई। तब से कांग्रेस लगातार बीजेपी पर विधायकों के खरीद-फरोख्त का इल्जाम लगाती रही है। वहीं अब आगामी उपचुनाव के मद्देनजर एक बार फिर प्रदेश में सियासी हवा तेज हो गई है। आरोप-प्रत्यारोप के दौर जारी है। उपचुनाव को लेकर भी पार्टियां अपनी रणनीतियों पर कार्यरत है। अब देखना है किस जुबानी हमले के बीच आगामी उपचुनाव क्या परिणाम लेकर आता है।