भोपाल। भारतीय जनता पार्टी अगले कुछ महीनों में प्रदेश की कमलनाथ सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन करने की तैयारी में है। जिसमें बिजली कटौती और कर्जमाफी को लेकर भाजपा किसान और आम लोगों के बीच जाएगी। संभवत: विधानसभा सत्र के बाद भाजपा सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरकर आंदेालन करेगी। साथ ही विधानसभा में भी कटौती और कर्जमाफी के मुद्दे को उठाया जाएगा। कमलनाथ सरकार के खिलाफ आंदोलन की रणनीति को भाजपा की सत्ता में वापसी की तरकीब से जोड़कर देखा जा रहा है।
प्रदेश में पिछले सालों की अपेक्षा इस साल भी मेटिंनेस के नाम पर बिजली कटौती हो रही है। जिसको भाजपा ने फिर से मुद्दा बनाने की कोशिश की है। खास बात यह है कि अभी तक भाजपा अपनी इस रणनीति में कामयाब भी होती दिख रही है। दरअसल, बिजली कटौती के सहारे भाजपा शहरी क्षेत्रों में सरकार के खिलाफ जनाक्रोश पैदा करने एवं ग्रामीण क्षेत्र में कर्जमाफी के माध्यम से किसानों को सरकार के खिलाफ भड़काने का काम कर रही है। क्योंकि अभी तक राष्ट्रीयकृत बैंकों के कर्जदार किसानों का कर्जामाफ नहीं हुआ है। जबकि प्रदेश में 75 फीसदी किसान राष्ट्रीयकृत बैंकों के कर्जदार है। हालांकि राज्य सरकार ने दो दिन पहले कैबिनेट बैठक में तय किया है कि अगले दो सप्ताह के भीतर शेष किसानों की कर्जमाफी की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
निकाय चुनाव तक होंगे आंदोलन
भाजपा फिलहाल प्रदेश में सत्ता में वापसी के प्रयास नहीं करेगी। संभवत: अगले महीने से भाजपा में संगठन चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी। जो नवंबर-दिसंबर तक चलेगी। इस दौरान भाजपा प्रदेश में कमलनाथ सरकार के खिलाफ आंदोलन करेगी। जो निकाय एवं त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव तक जारी रहेंगी। भाजपा शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में अलग-अलग मुद्दों को लेकर आंदोलन करेगी। जिसका फायदा निकाय एवं पंचायत चुनावों में लेने की कोशिश की जाएगी। कुछ शहरों में भाजपा शुद्ध पेयजल एवं जल संकट को लेकर भी सड़क पर उतरेगी।