भोपाल। इंदौर के सट्टा बाज़ार की उम्र देश की आज़ादी से भी अधिक है। 120 साल पुराने सट्टा बाज़ार की इस बार लोकसभा चुनाव में खामोशी काफी कुछ बयान कर रही है। इससे पहले सट्टा बाज़ार में इतना सन्नाटा पसरा किसी ने नहीं देखा। इसका एक बड़ा कारण हाल ही में संपन्न हुए आईपीएल क्रिकेट भी है। लेकिन उससे अधिक इस बार पुलिस की मुस्तैदी के कारण भी सट्टा बाज़ार में शांति है। पिछले महीने पुलिस ने एक बड़े सट्टा गिरोह का खुलासा किया था। जिसके बाद अब लोकसभा चुनाव में सटोरिए चुप्पी साधे हुए हैं। हालांकि, अंदरखाने की रिपोर्ट है कि तीन चरण के बाद बीजेपी की देश भर में सीटों का अनुमान सट्टा बाज़ार के हिसाब से कम हुआ है।
पुलिस रेड की वजह से सभी सट्टा कारोबारी सतर्क हैं। पिछले महीने ही पुलिस ने इंदौर और भोपाल से बड़ी तादाद में गिरफ्तारियां की थी। इसमें बड़े पैमाने पर टेलिफोन नेटवर्क का खुलासा हुआ था। इसलिए अब अनुभवी ही इस कारोबार में सक्रिय हैं। सट्टा बाज़ार से जुड़े एक करीबी ने मीडिया को बताया कि हाल की घटनाओं को देखते हुए मार्केट काफी हद तक ठंडा है। जब पुलिस रेड होती है तो सट्टा बाज़ार के रेट और बढ़ जाते हैं। पुलिस के खौफ से कारोबारी छुप कर बैटिंग कर रहे हैं।
प्रदेश में एक चुनाव का एक दौर और बचा है। ऐसे में सट्टा बाज़ार का अनुमान है कि बीजेपी के समर्थन में गिरावट आई है। दस दिन पहले तक हालात बीजेपी के पक्ष में दिखाई दे रहे थे। पार्टी को 240 सीटें मिलने का अनुमान था। लेकिन अब 220 सीटें ही मिलती दिख रही हैं। हालांकि, अपने सहयोगी दल के साथ मिलकर बीजेपी सरकार बना सकती है। ऐसा दावा किया जा रहा है। वहीं, एमपी में अंतिम चरण का मतदान होना बाकी है। मालवा और निमाड़ क्षेत्र में वोटिंग होना है यह क्षेत्र बीजेपी का मज़बूत किला माना जाता है। यहां कई कद्दावर का टिकट कटने से पार्टी को भितरघात का खतरा भी सता रहा है। सट्टा बाज़ार के मुताबिक एमपी में कांग्रेस को दस सीटें मिलने का अनुमान है। वहीं, बीजेपी के खाते में बाकी 19 सीटें आ सकती हैं।