भोपाल। लोकसभा चुनाव में इस बार फिर सोशल मीडिया बड़ी भूमिका निभा रहा है। 2014 में सोशल मीडिया के दम पर मोदी सरकार प्रचंड बहुमत हासिल करने में कामयाब हुई थी। पूरे देश में मोदी लहर का जोरदार प्रचार किया गया था। लेकिन 2019 के हालात अलग हैं। इस बार राजनीति के पंडितों का कहना है कि मोदी लहर का प्रभाव कम दिखाई दे रहा है। इसलिए बीजेपी इस बार फिर सोशल मीडिया के सहारा मध्य प्रदेश में पार्टी के लिए माहौल तैयार करने का काम करेगी। इसके लिए बीजेपी ने एक अलग सेल गठित किया है। पार्टी ने 75 हजार योद्धाओं की टीम तैयार की है। जो सोशल मीडिया का कामकाज देखेगी।
इस टीम का काम होगा मोदी सरकार के लिए के लिए प्रचार करना और फिर एक बार मोदी सरकार के एजेंडे को सोशल मीडिया पर प्रदेश भर के सोशल मीडिया यूजर्स को टारगेट करना। चुनाव में नारों की अहम भूमिका होती है। डिजिटल जमेने के दौर से पहले राजनीतिक नारे प्रोफसर और राजनीतिक विश्लेषक दिया करते थे। लेकिन अब सारा का सारा काम प्राइवेट कंपनियां देखती हैं। राजनीतिक दल इनसे संपर्क कर मदाताओं को मूढ भांपने और उनकी पसंद के हिसाब के कैंपेन करने के लिए हायर करते हैं। बीजेपी ने अपना नारा दे दिया है। फिर एक बार मोदी सरकार, जो बीजेपी की सभाओं में जमकर सुनाई दे रहा है। हालांकि, अभी तक कांग्रेस ने कोई खास नारा नहीं दिया है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि जल्द पार्टी अपना नारा जारी करेगी।
हालांकि, कांग्रेस अभी तक अपनी सभाओं में अभी तक पुराने नारे का ही उपयोग कर रही है। कांग्रेस नेता अपनी जनसभाओं में मोदी हटाओ देश बचाओ का नारा इस्तेमाल कर रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषक गिरीजा शंकर का इस बारे में अलग नजरिया है। उनका कहना है कि, पहले के दौर में लेखक, प्रोफेसर राजनीतिक नारे दिया करते थे। लेकिन अब चुनाव प्रचार का तरीका बदल गया है। अब सब दल बड़ी पीआर फर्म को चुनाव प्रबंधन का काम सौंपते हैं यही फर्म नए नारे दिया करती हैं। एक कारण ये भी है कि जनता इन नारों से खास प्रभावित नहीं होती।