भाजपा के सत्ता से बाहर होने का यह था बड़ा कारण, खामियां दूर करने में जुटी पार्टी

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भोपाल। अब की बार 200 पार के नारे को साकार करने में नाकाम हुई भाजपा अब अपनी हार के कारण जानने के लिए मंथन कर रही है। राजधानी स्थित भाजपा के प्रदेश कार्यालय में बैठकों का दौर जारी है। नेता हार का कारण जानने के लिए पार्टी के हर स्तर के कार्यकर्ताओं से मिल रहे हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, कार्यकर्ताओं की नाराजगी और नेताओं का असहयोग हार का बड़ा कारण रहा है। 

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने मीडिया को बताया, ” कई कारणों से पार्टी कार्यकर्ताओं में असंतोष था, जिसके परिणामस्वरूप हाल के चुनावों में पार्टी की हार हुई। पार्टी कार्यकर्ताओं में असंतोष का कारण जानने पार्टी मंथन कर रही है। लोकसभी चुनाव से पहले इसको दूर करने की कोशिश की जाएगी।”

इससे पहले प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के चार संभाग, जबलपुर, सागर, ग्वालियर-चंबल और शहडोल के विधायकों के साथ बैठक कर पार्टी की हार का कारण और प्रत्याशियों के खराब प्रदर्शन को लेकर चर्चा की गई। बैठक के बाद प्रदेश अध्यक्ष ने सीएम के उस बयान का भी समर्थन किया जिसमें उन्होंने यह दावा किया था कि कांग्रेस पांच साल सरकार नहीं चला सकेगी। उन्होंने कहा कि हम हिंदी पट्टी के तीन राज्यों में कांग्रेस से हारे हैं, लेकिन इसका असर आगामी लोकसभा चुनाव पर नहीं पड़ेगा। वहीं, पूर्व सीएम शिवराज ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता जनता के हित के लिए अब चौकीदार की भूमिका में हैं। अगर कांग्रेस की सरकार जनता से किए गए वादे पूरे करने में नाकाम होती है तो कार्यकर्ता पूरे जोश से उन मुद्दों को उठाएंगे। 

भाजपा के राज में जो योजनाएं लोगू की गई थी उनपर हमारी पूरी नजर है। सरकार बदलने के बाद भी हम ये सुनिश्चित करना चाहते हैं कि जनता को किसी भी बात की परेशानी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि चुनाव प्रबंधन संबंधित  बेहद अहम बैठक आयोजित की गई थी। इस बैठक में केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत शामिल हुए थे। उन्हें पार्टी हाईकमान ने हार का कारण जानने के लिए प्रदेश भेजा था। 


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