भोपाल। 15 साल तक सरकार चलाने के बाद भाजपा अब विपक्ष की भूमिका में आ गई है। भाजपा ने कांग्रेस की सरकार बनने से पहले ही वचन पत्र को मुद्दा बनाना शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद शिवराज सिंह चौहान ने पत्रकारों से पहली चर्चा में ही कांग्रेस के वचन पत्र को भुनाना शुरू कर दिया था, मुख्यमंत्री ने कहा था कि 10 दिन के भीतर किसानों की कर्जमाफी का वचन पूरा करे कांग्रेस। कांग्रेस ने वचन पत्र में कई बिंदुओं को शामिल किया है, जो उन्हें समय सीमा में पूरा करना है। भाजपा लोकसभा चुनाव से पहले वचन पत्र को ही मुद्दा बनाएगी। सरकार बनने के अगले एक महीने तक भाजपा शांत रहेगी, इसके बाद जनवरी से वचन पत्र के मुद्दों पर कांग्रेस के खिलाफ तल्ख अभियान छेड़ेगी।
विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की हार की नैतिक जिम्मेदारी बेशक शिवराज सिंह चौहान ने ले ली है, लेकिन पार्टी हाईकमान हार का ठीकरा प्रदेश भाजपा के सभी दिग्गजों के सिर फोडऩे की तैयारी में है। क्योंकि विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने अलग-अलग क्षेत्रों की जिम्मेदारी मप्र भाजपा के अलग-अलग नेताओं को सौंप दी थी। इसके बावजूद भी भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। दिल्ली में शनिवार को पांचों राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणाम की समीक्षा बैठक बुलाई गई, जिसमें मप्र के चुनाव नतीजों पर भी मंथन किया गया।
दिल्ली में आयोजित भाजपा की बैठक में शामिल होने के लिए शिवराज सिंह चौहान शुक्रवार शाम को ही दिल्ली रवाना हो गए थे। लोकसभा सत्र की वजह से केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर एवं प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह दिल्ली में हैं। वहीं राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय भी बैठक में पहुंचे। हालांकि हार के लिए किसी भी नेता को सीधे तौर पर जिम्मेदार नहीं ठहराया गया। इस चुनाव नतीजे की बारीकी से समीक्षा करने के बाद भाजपा लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटेगी। जल्द ही मप्र भाजपा कार्यकर्ताओं का सम्मेलन करने जा रही है, जिसमें आभार कार्यक्रम नाम दिया जाएगा। इस तरह के आयोजन प्रदेश भर में होंगे। इनके पीछे पार्टी लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटेगी। वहीं शिवराज ने आभार यात्रा का एलान किया है, लेकिन अभी तक तारीख तय नहीं हुई है |