भोपाल| मध्य प्रदेश में 15 साल बाद सत्ता से बेदखल हुई भाजपा में भी कांग्रेस जैसे हालात नजर आने लगे हैं| सरकार में न होते हुए भी भाजपा खेमे में नए सीएम को लेकर सियासी गलियारों में दिग्गजों के नाम चर्चा में आ गए हैं| जबकि बीजेपी अभी विपक्ष की भूमिका में है| हालाँकि बीजेपी नेता केंद्र में मोदी सरकार के आने के बाद प्रदेश में सत्ता में लौटने के दावे कर रहे थे|| जिसके चलते अब बीजेपी के दिग्गज नेता और हाल ही में पीएम मोदी की टीम में शामिल किये गए प्रहलाद पटेल को सीएम बनाने की मांग उठ रही है| इसके लिया बाकायदा सोशल मीडिया पर मुहीम शुरू हो गई है|
मध्यप्रदेश बीजेपी में समर्थक अपने-अपने नेता को सीएम बनाने की मांग करने लगे हैं। इस बार यह मांग मोदी मंत्रिमंडल में शामिल प्रह्लाद सिंह पटेल के लिए उठ रही है। सोशल मीडिया पर दो जून को उनके समर्थकों ने एक ग्रुप बनाकर यह कैंपेन शुरू किया है। प्रहलाद पटेल मोदी सरकार-2 में केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हैं। पटेल के समर्थकों ने उनके लिए सोशल मीडिया पर अभियान छेड़ दिया है। पटेल के समर्थकों ने फेसबुक पर एक ग्रुप बनाया है। इस ग्रुप का नाम रखा है वी सपोर्ट प्रह्लाद सिंह पटेल नेक्स्ट सीएम ऑफ एमपी। दो जून को इस ग्रुप का निर्माण किया गया था, अब तक इस ग्रुप में साढ़े छह हजार से ज्यादा लोग जुड़ चुके हैं। इस ग्रुप में लोग प्रह्लाद सिंह पटेल को सीएम बनाने की मांग को लेकर उनके सपोर्ट में पोस्ट कर रहे हैं। उन पोस्ट पर सैकड़ों लोग कमेंट कर समर्थन दे रहे हैं। हालाँकि इससे पहले भी बीजेपी में अलग अलग नेताओं के नाम सीएम के लिए सामने आ चुके हैं, कुछ इसी तरह मांग वरिष्ठ बीजेपी विधायक और नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव को लेकर भी उठ चुकी हैं, वहीं बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय भी इस फेरिस्त में शामिल हैं, जिनको सीएम बनाये जाने की मांग कई बार उठती रही है| हालाँकि यह समर्थकों द्वारा ही किया जाता है, जिस पर पार्टी ज्यादा गौर नहीं करती है, लेकिन इससे सियासी गलियारों में चर्चा जरूर शुरू हो गई है|
बीजेपी के दिग्गज नेता हैं पटेल
प्रह्लाद पटेल ने दमोह लोकसभा सीट से दूसरी बार चुनाव जीता है। इस बार अपनी ही पिछली जीत का रिकॉर्ड तोड़ते हुए उन्होंने कांग्रेसी प्रत्याशी प्रताप सिंह लोधी को 3 लाख 53 हजार 411 वोटों से पराजित किया है। प्रह्लाद पटेल का जन्म 28 जून 1960 को नरसिंहपुर जिले की गोटेगांव में हुआ था। करीब डेढ़ दशक पहले पैदल नर्मदा यात्रा कर चुके हैं। मध्य प्रदेश में भाजपा के संगठन को मजबूत करने में प्रह्लाद पटेल का रोल अहम रहा है। वो भाजपा का युवा चेहरे रहे हैं। भारतीय जनता युवा मोर्चा से अपनी सियासत की शुरुआत करने वाले प्रह्लाद पटेल ने पार्टी संगठन में अलग-अलग पदों पर रहे। 1989 में वो पहली बार संसद की सीढ़ी चढ़े। इसके बाद 1996, 1999 में भी उन्हें जनता ने फिर चुनकर संसद भेजा। उनका सियासी सफर को तब बड़ी पहचान मिली, जब 2003 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में उन्हें शामिल किया गया है। लेकिन अचानक उनके सियासी सफर ने दूसरा मोड़ ले लिया, जब उन्होंने फायर ब्रांड नेता और हिंदूत्व का बड़ा चेहरा माने जाने वाली उमा भारती(दीदी) के साथ भाजपा छोड़कर भारतीय जनशक्ति पार्टी बनाई। लेकिन ये सफर ज्यादा दिन तक नहीं चला और दोनों की ही भाजपा में वापसी हो गई। अन्य पिछड़ा वर्ग से नाता रखने वाले प्रहलाद पटेल कुशल वक्ता हैं और स्थानीय एवं राष्ट्रीय मुद्दों पर गहरी पकड़ रखते हैं।