भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार और केंद्र के बीच चल रही खींचतान की वजह से जनता को इसका खामियाज़ा भुगतना पड़ सकता है। प्रदेश में चल रही केंद्र सरकार की योजनाओं की रफ्तार थम सकती है। राज्य और केंद्र सरकार के बीच बजट को लेकर विवाद चल रहा है। इसका सीधा असर केंद्रीय योजनाओं पर पड़ सकता है। इन योजनाओं को लेकर राज्य सरकार भी अपना हाथ पीछे खींचती दिख रही है।
दरअसल, इस झगड़े का बड़ा कारण केंद्र-राज्य सरकार के बीच हिस्सेदारी और बजट बड़ी वजह बताया जा रहा है। प्रदेश में कांग्रेस सरकार आने के बाद से ही बीजेपी सरकार में लाई गई योजनाओं पर संकट के बादल गहरा रहे हैं। दिसंबर में नई सरकार ने एक्शन में आते ही बीजेपी सरकार की कई योजनाओं को बंद करने और नाम बदलने के साथ उनका प्ररूप भी बदलने का ऐलान किया था। लोकसभा चुनाव के बाद अब राज्य में केंद्रीय योजनाओं को लेकर भी पेंच फंसता नज़र आ रहा है। फिलहाल यह तय नहीं हो पा रहा है कि केंद्रीय योजनाओं पर ब्रेक लगेगा या फिर वह बंद ही कर दी जाएंगी। इसमें सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाली योजना है पीएम आवास योजना। इस योजना का सीधा क्रेडिट केंद्रीय सरकार को जाएगा। इसलिए राज्य सरकार भी इसमें बहुत ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखा रही है।
क्या कहते हैं आंकड़े
पिछले साल 2018-19 में बीजेपी की शिवराज सरकार ने प्रदेश में पांच लाख 19 हज़ार घर बनाए थे। जबकि उनके सामने पांच लाख 61 हज़ार घर बनाने का लक्ष्य था। वहीं, 2019-20 में यह लक्ष्य 8 लाख से अधिक घर बनाने का है। लेकिन जो फंड है वह सिर्फ तीन लाख घर 80 बनाने का ही बचा है। ऐसे में यह योजना बीच में झूलती दिखाई दे रही है। जिससे गरीब सीधे तौर पर प्रभावित होंगे।