रीति पाठक को अपनों से मिल रही चुनौती, पूर्व जिला अध्यक्ष का इस्तीफा

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भोपाल।  सीधी लोकसभा क्षेत्र से भाजपा ने विरोध के बाद भी रीति पाठक को रिपीट किया है| जिसको लेकर विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है| विधायकों की नाराजगी के बाद अब सीधी के पूर्व जिलाध्यक्ष लालचंद्र गुप्ता ने अपने समर्थकों के साथ इस्तीफा दे दिया है। इससे पहले सिंगरौली भाजपा के अध्यक्ष समेत अन्य नेता इस्तीफा दे चुके हैं, लेकिन भाजपा उन्हें मनाने का दावा कर रही है। 

सीधी भारतीय जनता पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष लालचंद गुप्ता ने  प्रदेश अध्यक्ष को पत्र भेजकर अपने सभी पदीय दायित्वों से जहां त्यागपत्र दिया है, वहीं प्राथमिक सदस्यता से भी त्यागपत्र सौंप दिया है। इस्तीफा देने के बाद गुप्ता ने आरोप लगाए कि भाजपा की स्थापना से वे सदस्य रहे हैं। पूरा जीवन पार्टी को समर्पित कर दिया है। अब भाजपा कार्यकर्ताओं का शोषण करती है, पहले कार्यकर्ता आधारित पार्टी हुआ करती थी। कार्यकर्ताओं की उपेक्षाएं करना आम बात हो गई है । इस कारण मैंने अपने सभी पदीय दायित्वों से त्यागपत्र देने के साथ-साथ पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी त्यागपत्र दे दिया है। 

सुर्ख़ियों में विधायक का एफबी पोस्ट

वहीं पूर्व जिला अध्यक्ष के इस्तीफे के बाद सीधी विधायक केदारनाथ शुक्ल का फेसबुक पोस्ट सुर्ख़ियों में आ गया है| उन्होंने लिखा है खूबसूरती से धोखा मत खाइये जनाब, तलवार कितनी भी खूबसूरत क्यों न हो, मांगती तो खून ही है| विधायक ने सीधे तौर पर संसद को लेकर तो कुछ नहीं लिखा है पर सांसद से चल रही उनकी खटपट के चलते विरोधी मायने ही निकले जा रहे हैं| विधायक की यह पोस्ट को लेकर सीधी संसदीय क्षेत्र और उनके समर्थकों में चर्चा है कि यह सीधे तौर पर सांसद पर वार है| विरोधी इसके अलग अलग मायने निकल रहे हैं| 

रीति के लिए अपनों की नाराजगी बड़ी चुनौती 

भाजपा नेताओं के बगावती होने से पार्टी प्रत्याशी रिति पाठक को खतरा बढ़ गया है। पाठक के लिए इस बार का चुनाव चुनौतीपूर्ण होने वाला है| कांग्रेस ने सीधी से पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह को उतारा है, दोनों नेताओं के बीच कडा मुकाबला होगा| ऐसी स्तिथि में रीति पाठक के लिए राह आसान नजर नहीं आ रही है|  पार्टी के अंदरखाने से उठ रहे विरोध के स्वर के बाद भी आलाकमान ने रीति पाठक को दोबारा प्रत्याशी घोषित कर दिया। उल्लेखनीय है कि इस बार भाजपा विधायक सहित संगठन के कुछ पदाधिकारी रीति पाठक को प्रत्याशी बनाए जाने के समर्थन में नहीं थे। यही वजह थी कि सीधी से पूर्व सांसद गोविंद मिश्रा, सीधी विधायक केदारनाथ शुक्ल, भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ. राजेश मिश्रा, पूर्व जिलाध्यक्ष लालचंद गुप्ता, सिहावल के पूर्व विधायक विश्वामित्र पाठक व सिंगरौली जिले से पार्टी अध्यक्ष कान्तिदेव सिंह व पूर्व जिलाध्यक्ष गिरीश द्विवेदी ने दावेदारी जताई थी। भाजपा द्वारा प्रत्याशी बनाए जाने के बाद रीति पाठक को सबसे बड़ी चुनौती अपनों से ही मिलने वाली है। पार्टी में ही कुछ लोग तो पहले ही खुले तौर पर उनकी खिलाफत कर चुके हैं। वहीं अब यह दूसरा मौक़ा है जब पार्टी नेताओं के इस्तीफे सामने आये हैं| 


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