भोपाल| मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आगामी समय में होने वाले उपचुनाव को देखते हुए बड़ा दांव चला है| सीएम के इस मास्टर स्ट्रोक से भाजपा में हड़कंप की स्तिथि है| आदिवासियों का साहूकारों से लिया गया कर्ज माफ़ करने समेत कई बड़ी घोषणाएं सीएम ने की है| आदिवासी दिवस को उत्साह के साथ मनाने और आदिवासियों के लिए बड़ी घोषणाओं को उपचुनाव की तैयारी से जोड़कर देखा जा रहा है| आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में कांग्रेस की मजबूत पकड़ रही है, लेकिन पिछले कुछ सालों में यहां संघ ने भाजपा के पक्ष में पेठ जमाई है| जिसके चलते अब एक बार फिर कांग्रेस आदिवासियों में अपनी मजबूती चाहती है| सरकार ने इसकी तैयारी तेज कर दी है|
मुख्यमंत्री की घोषणाओं से आदिवासियों में ख़ुशी की लहर है, सरकार के इस कदम को कांग्रेसी सरकार को मजबूत करने की भी राजनीति से जोड़कर देखा जा रहा है| जी एस डामोर के लोकसभा में चले जाने से खाली हुई झाबुआ विधानसभा सीट पर इस साल नवंबर में उपचुनाव होना है| झाबुआ आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र कांग्रेस का मजबूत क्षेत्र माना जाता है लेकिन इस बार यहां से कांग्रेस विधानसभा चुनाव में हार गई थी | इस सीट पर कांग्रेस जीतकर विधानसभा में अपनी संख्या 115 करने की पूरी तैयारी में है| यहां होने वाले विधानसभा उपचुनाव को लेकर दोनों पार्टियों की तैयारियां जोरों पर हैं। एक ओर जहां बीजेपी पर अपनी सीट बचाने का दबाव है, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस यह सीट जीतकर विधानसभा में 50 प्रतिशत के आंकड़े तक पहुंचना चाहती है। परंपरागत तौर पर कांग्रेस की सीट माने जाने वाले झाबुआ से साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार ने जीत हासिल की थी।
वहीं ब्योहरी विधानसभा से विधायक शरद कोल ने विधानसभा के पावस सत्र में लाए गए एक विधयेक में कांग्रेस का समर्थन देकर साफ संकेत दे दिए है कि वे भाजपा का दामन छोड़ने जा रहे हैं| कांग्रेस सरकार को समर्थन के बाद यहां पर भी आने वाले समय में उपचुनाव की संभावना बढ़ गई है, शहडोल जिले का ब्योहरी भी आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है| इस सीट पर पार्टी कांग्रेस की संभावनाओं को लेकर सर्वे भी करा रही है, अगर कांग्रेस अपनी रणनीति में सफल रही तो विधानसभा में पूर्ण बहुमत का आंकड़ा सरकार के पास होगा, जिससे पूरे पांच साल सरकार नहीं चलने देने के बीजेपी के दावे धरे रह जाएंगे| कांग्रेस ने अपना पूरा फोकस इस रणनीति पर लगा दिया है| हालाँकि कमलनाथ पहले ही भाजपा को विधानसभा में बड़ा झटका दे चुके हैं, जब बीजेपी के दो विधायकों ने कांग्रेस सरकार का समर्थन कर सबको चौंका दिया था|
आदिवासियों के लिए सीएम की बड़ी घोषणाएं
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आदिवासी दिवस पर बड़ी घोषणाएं की है| उन्होंने बताया सभी आदिवासी विकासखंडों में आदिवासियों ने जो साहूकारों से कर्जा लिया है, वह पूरा माफ होगा। 89 अनुसूचित क्षेत्रों में कर्जमाफी की यह प्रक्रिया 15 अगस्त तक शुरू हो जाएगी। साहूकारों को आदिवासियों के गिरवी जमीन, जेवर व सामान भी लौटाने होंगे। भविष्य में कोई साहूकार आदिवासी क्षेत्रों में साहूकारी करेगा तो उसे लाइसेंस लेकर ही धंधा करना होगा। बगैर लाइसेंस साहूकारी काे गैरकानूनी माना जाएगा। यह कर्ज आदिवासी नहीं चुकाएंगे। आदिवासी वर्ग की मांग पर अनुसूचित जनजाति विभाग का नाम बदलकर आदिवासी विकास विभाग किया जाएगा। इसका फायदा करीब डेढ़ करोड़ आदिवासियों को मिलेगा। उन्होंने आदिवासियों के हित में बड़े फैसले लेते हुए कहा कि अनुसूचित क्षेत्र विकासखंडों के आदिवासियों को साहूकारों से मुक्त कराने के लिए सरकार उन्हें रुपे डेबिट कार्ड देगी। इसके जरिए वे जरूरत पड़ने पर दस हजार रुपए तक एटीएम से निकाल सकेंगे। आदिवासी क्षेत्रों में 7 नए खेल परिसर अाैर 40 नए एकलव्य स्कूल खोले जाएंगे। आदिवासी परिवार में बच्चे के जन्म पर परिवार को 50 किलो चावल या गेहूं दिया जाएगा। किसी आदिवासी परिवार में मृत्यु होने पर परिवार को एक क्विंटल चावल अथवा गेहूं दिया जाएगा।