Tue, Dec 23, 2025

सीएम डॉ. मोहन यादव की बड़ी घोषणा ‘राजधानी भोपाल के प्रमुख मार्गों पर महापुरुषों के नाम से बनाए जाएंगे द्वार’

Written by:Shruty Kushwaha
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मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश के गौरवशाली इतिहास को संजोने से लिए सरकार द्वारा ये फैसला लिया गया है। एमपी में सम्राट विक्रमादित्य, राजा भोज, चंद्रगुप्त मौर्य, सम्राट अशोक और रानी दुर्गावती जैसी महान शासक हुए हैं। सरकार का यह निर्णय प्रदेश की विरासत को संरक्षित करने और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देते के लिए महत्वपूर्ण है। इससे भोपाल की ऐतिहासिक पहचान को मजबूती मिलेगी और नई पीढ़ी को अपनी परंपरा के बारे में जानकारी रहेगी।
सीएम डॉ. मोहन यादव की बड़ी घोषणा ‘राजधानी भोपाल के प्रमुख मार्गों पर महापुरुषों के नाम से बनाए जाएंगे द्वार’

CM Dr. Mohan Yadav Big Announcement : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बड़ी घोषणा की है कि राजधानी भोपाल के प्रमुख मार्गों पर महापुरुषों के नाम से द्वार बनाए जाएंगे, जिससे भोपाल और मध्यप्रदेश के गौरवशाली इतिहास को संजोया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि एमपी की पहचान यहां के वीर शासकों से रही है और इस विरासत को सहेजने के लिए सरकार द्वारा ये निर्णय लिया गया है।

भोपाल का इतिहास परमार राजाओं, गोंड शासकों और नवाबों से जुड़ा रहा है। वहीं, पूरे मध्य प्रदेश में सम्राट विक्रमादित्य, राजा भोज, चंद्रगुप्त मौर्य, सम्राट अशोक, रानी दुर्गावती जैसे कई महान शासकों ने शासन किया है। सरकार की इस पहल से इन महापुरुषों की विरासत को और अधिक मजबूती मिलेगी।

सीएम मोहन यादव की घोषणा ‘महापुरुषों के नाम पर बनेंगे द्वार’

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के ऐतिहासिक गौरव को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने  महत्वपूर्ण घोषणा की है। उन्होंने कहा कि ‘भोपाल और पूरे मध्य प्रदेश की पहचान वीर शासकों से रही है। सम्राट विक्रमादित्य ने चक्रवर्ती सम्राट की तरह शासन किया। उनका न्याय, ज्ञान, वीरता, दानशीलता, धैर्य, पराक्रम, पुरुषार्थ कई गुणों से उनकी अलग पहचान रही है। उनके एक हजार साल बाद राजा भोज भी अद्वितीय शासक रहे हैं। राजा भोज के कारण भोपाल की विशेष पहचान है। ऐसे में हमारी सरकार ने तय किया है कि हमारी राजधानी का गौरवशाली अतीत है। उस अतीत को सामने लाने की आवश्यकता है। इसलिए राजधानी के प्रमुख मार्गों पर ऐसे महापुरुषों के नाम से द्वार बनाए जाएंगे, जिससे भोपाल और मध्यप्रदेश का गौरवशाली इतिहास संजोया जा सके।

मध्यप्रदेश की विरासत को संजोने का फैसला

प्रदेश सरकार का यह कदम भोपाल को एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान देने के उद्देश्य से लिया गया है। इससे न सिर्फ शहर की ऐतिहासिक विरासत को संरक्षित किया जाएगा, बल्कि युवाओं और आने वाली पीढ़ी को भी अपने गौरवशाली अतीत के बारे में परिचय मिलेगा। इस फैसले के तहत भोपाल के अलग-अलग क्षेत्रों में ऐतिहासिक महत्व रखने वाले राजाओं, सम्राटों और अन्य महापुरुषों के नाम पर प्रवेश द्वार बनाए जाएंगे। इससे भोपाल में आने वाले पर्यटकों को भी राज्य की समृद्ध ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के बारे में जानकारी मिलेगी।

भोपाल से जितेंद्र यादव की रिपोर्ट