भोपाल। मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार पर हमलावर मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी को बैकफुट पर लाने के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने रणनीति तैयार कर ली है। दोनों दलों के बीच टकराव थमता नहीं दिख रहा। विधानसभा में बीजेपी के दो विधायकों को कांग्रेस में लाकर मुख्यमंत्री ने सभी को चौंका दिया है। मुख्यमंत्री पूर्व सरकार के कार्यकाल के दौरान हुए घोटालों की जांच के आदेश दे रहे हैं। इस कदम को बीजेपी नेताओं को बैकफुट पर लाने और हमलावर होने से रोकने के नजरिए से जोड़ कर देखा जा रहा है।
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सत्ता संभालने के बाद इस बात के संकेत दे दिए थे कि पूर्व में हुए सभी घोटालों की जांच पड़ताल की जाएगी और किसी को भी नहीं बख्शा जाएगा। उन्होंने व्यापमं घोटाले से लेकर ई टेंडर घोटाले की जांच के आदेश भी दे दिए हैं। लगातार ताबदतोड़ नए नए खुलासे भी हो रहे हैं। व्यापमं घोटाले में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने फिर से जांच के आदेश दिए हैं। इसका सीधे तौर पर असर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर पड़ सकता है। इसके अलावा ई टेंडर घोटाले की जांच में भी पूर्व मंत्री की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। पेंशन घोटाले को लेकर भी जांच के आदेश दिए गए हैं।
कांग्रेस सरकार पर हमला करते हुए मीडिया से चर्चा के दौरान कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि हम जल्द ही मिशन मध्य प्रदेश शुरू करेंगे। हम नहीं चाहते कि सरकार गिरे लेकिन कांग्रेस अपनी आंतरिक कलाह की वजह से सत्ता से बेदखल हो जाएगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस विधायकों को उनके नेतृत्व पर विश्ववास नहीं है, कांग्रेस में गुटबाजी अभी भी हावी है। इसलिए कांग्रेस नेताओं ने मान लिया है कि पीएम मोदी के नेतृत्व में ही अच्छी सरकार मिल सकती है।