MP News: शुक्रवार को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव (CM Mohan Yadav) ने दिल्ली प्रवास के दौरान केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की। उन्होनें शाह से साइबर तहसील व्यवस्था के लोकार्पण का अनुरोध किया। जिसे केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने सहर्ष स्वीकार कर लिया है। नए साल के पहले दिन प्रदेश में साइबर तहसील की अवधारणा लागू होने जा रही है।
सीएम ने क्या कहा?
सीएम मोहन यादव यादव ने कहा कि, “प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी की प्रदेश की जनता को दी गयी संकल्प-पत्र 23 की गारंटियों की पूर्ति के लिए राज्य सरकार दृढ़ संकल्पित है। इसी क्रम में राज्य सरकार ने 1 जनवरी, 2024 से पूरे प्रदेश में साइबर तहसील की अवधारणा लागू करने का निर्णय लिया है।”
साइबर तहसील व्यवस्था के फायदे
मुख्यमंत्री के मुताबिक साइबर तहसील व्यवस्था में आधुनिक तकनीक के उपयोग से बिना पृथक से आवेदन दिए पारदर्शी तरीके से रजिस्ट्री के 15 दिन की समय-सीमा में क्रेता के पक्ष में नामांतरण किया जा सकेगा। खसरा-नक्शा में भी तत्काल सुधार करने की सुविधा भी उपलब्ध होगा। पहले चरण में इस प्रक्रिया को केवल ऐसे अविवादित प्रकरणों में लागू किया जा रहा है, जहां विक्रय पूरे खसरे का है। बाद में इसे सभी प्रकार के अविवादित नामांतरण और बँटवारे में लागू किया जाएगा। सीएम ने कहा, “साइबर तहसील के माध्यम से ऑनलाइन, पेपरलेस और फ़ेसलेस प्रक्रिया से नामांतरण होने से प्रदेश शासन ‘सुशासन से सुराज’ की दिशा में आगे बढ़ेगा।”
वर्ष 2022 में हुई थी पहल
जानकारी के लिए बता दें कि साइबर तहसील व्यवस्था का पायलट प्रोजेक्ट मई, 2022 में सबसे पहले दतिया और सीहोर में शुरू किया गया था। अब तक इसका विस्तार 442 तहसीलों में हो चुका है। आंकड़ों के अनुसार इस व्यवस्था के तहत 16 हजार से अधिक प्रकरणों का निकारण हो चुका है।