CM शिवराज सिंह ने किया 505 करोड़ रुपये से अधिक के विकास कार्यों का लोकार्पण एवं शिलान्यास

ग्वालियर, अतुल सक्सेना। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश में विकास का यज्ञ शुरू हो गया है। प्रदेश के विकास के लिये अनेकों योजनायें बनाई गई हैं। आज ही ग्वालियर के चहुँमुखी विकास को लेकर जिला प्रशासन के साथ ढ़ाई घंटे बैठक लेकर रोडमैप तैयार किया है। यह ग्वालियर के इतिहास का पहला दिन है जिसमें यहां प्राचीन इमारतों के साथ-साथ एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, पश्चिम रिंग रोड़, बस स्टेण्ड, पर्यटन, खेल के मैदान, अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम सहित शहर के अधोसंरचना विकास पर विस्तार से चर्चा हुई। इन सभी योजनाओं को मूर्तरूप देने के लिये हर संभव प्रयास करके पाँच वर्ष में पूरा करेंगे। उन्होंने कहा जरूरत पड़ने पर और भी योजनायें बनाई जायेंगीं। हम समृद्ध और विकसित मध्यप्रदेश बनायेंगे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान रविवार को फूलबाग में विशाल जनसभा को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने 505 करोड़ रूपए से अधिक की लागत के 23 विकास कार्यों का लोकार्पण और 13 नए निर्माण विकास कार्यों का शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी पाँच वर्षों में 5 हजार करोड़ रूपए के काम का रोडमैप तैयार किया गया है। इस मौके पर मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मध्यप्रदेश डे राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन सहित अन्य योजनाओं में 29 लोगों को एक करोड़ 64 लाख 28 हजार 800 रूपए के चैक भी वितरित किए।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।