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कमलनाथ पर CM शिवराज का तंज, कहा- कुर्सी तो बची नहीं…अब खाट पर ही बैठें

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि बिल (Agricultural bill) का लगातार विरोध जारी है। किसान करीब 2 महीने से दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन (Movement on delhi border) कर रहे है। किसानों के समर्थन में विपक्ष भी लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर हो रही है। इसी कड़ी में मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में भी पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के पीसीसी चीफ कमलनाथ (Former Chief Minister Kamal Nath) ने ट्रैक्टर रैली (Tractor rally) निकालकर आंदोलन करने का ऐलान किया था, जिसकी शुरूआत छिंदवाड़ा (Chhindwara) से की है। वहीं आज मुरैना में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Former Chief Minister Kamal Nath) के नेतृत्व में खाट महापंचायत का आयोजन (Organization of Khat Mahapanchayat) किया गया। जिसे लेकर प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह (Chief Minister Shivraj Singh) ने तंज कसा है। और कहा है कि ‘जो लोग कुर्सी नहीं बचा सके, वो अब खाट पर ही बैठेंगे।’

सीएम शिवराज ने कमलनाथ पर कसा तंज


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।