Independence Day 2024 : कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को UCC पर दिए गए उनके बयान को लेकर घेरा है। पीएम मोदी ने देश के 78वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में लाल क़िले से अपने भाषण में कहा है कि ’75 सालों से हम कम्युनल कोड में फँसे हैं, जो देश को धर्म के आधार पर बाँटता है। इसीलिए हमें सेक्युलर सिविल कोड लाना होगा।’ इसे लेकर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने निशाना साधते हुए कहा कि ‘यह कहना कि अब तक हमारे पास कम्युनल सिविल कोड रहा है, डॉ. अंबेडकर का घोर अपमान है।’
जयराम रमेश ने पीएम मोदी के बयान को दुर्भावनापूर्ण बताया
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने पीएम मोदी के बयान को लेकर कहा है कि ‘नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री की दुर्भावना और विद्वेष की कोई सीमा नहीं है। आज के उनके लाल किले के भाषण में यह पूरी तरह से दिखा। यह कहना कि अब तक हमारे पास कम्युनल सिविल कोड रहा है, डॉ. अंबेडकर का घोर अपमान है। डॉ. अंबेडकर हिंदू पर्सनल लॉ में सुधार के सबसे बड़े समर्थक थे, जिन्हें 1950 के दशक के मध्य तक वास्तविक रूप दिया गया। इन सुधारों का RSS और जनसंघ ने काफी विरोध किया था।’
उन्होंने आगे कहा कि ‘और ये देखिए नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री द्वारा नियुक्त 21वें विधि आयोग ने 31 अगस्त 2018 को पारिवारिक कानून के सुधार पर अपने 182-पृष्ठ के परामर्श पत्र के पैरा 1.15 में क्या कहा था: जब भारतीय संस्कृति की विविधता का जश्न मनाया जा सकता है और मनाया जाना चाहिए, तब इस प्रक्रिया में विशेष समूहों या समाज के कमजोर वर्गों को वंचित नहीं किया जाना चाहिए। इस पर विवाद के समाधान का संकल्प सभी भिन्नताओं को खत्म करना नहीं है। इसलिए समान नागरिक संहिता न तो इस स्टेज पर जरुरी है और न ही वांछित। अधिकांश देश अब विभिन्नताओं को मान्यता देने की ओर बढ़ रहे हैं और इसका अस्तित्व भेदभाव नहीं है, बल्कि यह एक मजबूत लोकतंत्र का संकेत है।’
लाल क़िले से पीएम मोदी ने कही ये बात
बता दें कि पीएम मोदी ने आज कहा कि ‘अब देश को सेक्युलर सिविल कोड की ज़रूरत है। लंबे समय से देश में “कम्युनल सिविल कोड” लागू रहा, इसे अब बदलने की जरूरत है। एक देश-एक कानून अब भारत की आवश्यकता है हर जाति धर्म मजहब के लिए एक ही कानून होना चाहिए, किसी के लिए अलग कानून की कोई आवश्यकता नहीं है।’ इसी के साथ उन्होंने वन नेशन वन इलेक्शन लागू करने पर भी ज़ोर दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में बार-बार चुनाव प्रगति में रुकावट बन जाते हैं, गतिरोध पैदा कर रहे हैं। भारत की प्रगति के लिए, संसाधनों का सर्वाधिक उपयोग लोगों के लिए हो इसके लिए वन नेशन वन इलेक्शन के लिए आगे आना होगा। मैं लाल क़िले से देश के राजनीतिक दलों और संविधान समझने वाले लोगों से आग्रह करता हूँ कि भारत की प्रगति के लिए वन नेशन वन इलेक्शन के सपने को पूरा करने के लिए हमें आगे आना चाहिए।
नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री की दुर्भावना और विद्वेष की कोई सीमा नहीं है। आज के उनके लाल किले के भाषण में यह पूरी तरह से दिखा।
यह कहना कि अब तक हमारे पास कम्युनल सिविल कोड रहा है, डॉ. अंबेडकर का घोर अपमान है। डॉ. अंबेडकर हिंदू पर्सनल लॉ में सुधार के सबसे बड़े समर्थक थे, जिन्हें…
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) August 15, 2024