भोपाल।
लोकसभा चुनाव में बड़ा झटका खाने के बाद प्रदेश कांग्रेस नगरीय निकाय, पंचायत और सहकारी बैंकों के चुनावों में जुट गई है। जीत के लिए मिशन निकाय को लेकर कांग्रेस ने संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत करने का काम शुरु कर दिया है।साथ ही स्थानीय नेताओं को भी सक्रिय कर दिया गया है। खबर है कि इस बार भाजपा शासित नगर निगम-नगर पालिकाओं के भ्रष्टाचार और घोटालों को चुनाव में प्रमुख मुद्दा बनाएगी। संगठन द्वारा मुख्यमंत्री कमलनाथ से भी समय मांगा गया है, ताकी आगे की रणनीति बनाई जा सके।
दरअसल, प्रदेश में कुछ महीने के दौरान नगर निगम, नगर पालिका और पंचायतों के चुनाव होने वाले हैं। इनके साथ ही जिला सहकारी बैंकों के चुनाव भी होंगे।इसके लिए प्रदेश संगठन ने तैयारियां शुरु कर दी है। मंत्रियों , स्थानीय नेताओं और विधायकों को जी जीन से जुटने को कहा गया है। कार्यकर्ताओं को बूथ मजबूत करने की बात कही गई है।चुंकी लोकसभा में हार के बाद कांग्रेस का सीधा फोकस नगरीय निकाय और पंचायत चुनावों में जीत पर टिका हुआ है, पिछली बार के निकाय चुनाव में भाजपा ने प्रदेश की सभी 16 नगर निगमो��� पर कब्जा जमाया था। इस पर सत्ता में आने के बाद कांग्रेस सभी निगमों पर अपना दबदबा कायम करने की फिराक में है।
खबर है कि नगरीय निकाय और पंचायत चुनावों को देखते हुए प्रदेश कांग्रेस संगठन विभागों के मंत्रियों से लगातार समन्वय बनाए हुए है। नगर निगम व नगर पालिका चुनाव के लिए शासन से जारी होने वाले निर्देशों को लेकर पीसीसी पदाधिकारियों की नगरीय प्रशासन मंत्री जयवर्धन सिंह से चर्चा हो चुकी है। इन चुनावों के लिए वार्ड परिसीमन का पीसीसी इंतजार कर रही है। पीसीसी ने जिला और ब्लॉक कांग्रेस कमेटियों को भी अपने स्तर पर तैयारी करने के निर्देश दिए गए हैं।वही स्थानीय नेताओं को सक्रिय करते हुए भाजपा शासित परिषदों के घपलेघोटालों को जुटाने की जिम्मेदारी भी दे दी गई है। पार्टी क्षेत्र के विकास के साथ भाजपा शासित नगर निगम-नगर पालिकाओं के भ्रष्टाचार को चुनाव में प्रमुख मुद्दा बनाएगी।
इन मुद्दों को आधार बनाएगी सत्तापक्ष
इसके अलावा कांग्रेस यह कह कर मैदान में उतरेगी कि, प्रदेश की सत्ता में कांग्रेस है, निकाय में भी कांग्रेस आएगी तो तालमेल के साथ नगर का विकास व लोगों को मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने में आसानी होगी। इसके साथ ही उम्मीदवारों की तलाश भी जारी है, इस बार प्रत्याशियों का चयन बड़ी सावधानी से किया जाना है, इसके लिए स्थानीय नेताओं की राय भी पूछी जाएगी। वही आगे की चर्चा के लिए संगठन ने सीएम कमलनाथ से भी समय मांगा गया है ताकी रणनीतियों को अंतिम रुप दिया जा सके।
मंत्रियों और विधायकों की भी होगी जिम्मेदारी तय
कांग्रेस संगठन ने जिला इकाइयों से नगरीय निकायों में जनता को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराए जाने के प्रस्ताव मांगे हैं। प्रस्ताव मिलने के बाद उनके क्रियान्वयन का जिम्मा जनप्रतिनिधियों का होगा। इन चुनावों में मंत्रियों और विधायकों की भी जिम्मेदारी तय की जा रही है, जिससे ज्यादा से ज्यादा निकायों में जीत दर्ज की जा सके। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भोपाल नगर निगम के संबंध में जिलाध्यक्ष कैलाश मिश्रा से प्रस्ताव मांगा है। मिश्रा ने भोपाल नगर निगम को दो भागों में बांटे जाने का खाका तैयार किया गया है।
निकायों में एल्डरमेन नियुक्त करने के संकेत
नगरीय प्रशासन मंत्री जयवर्द्धन सिंह ने नगरीय निकायों में स्थिति मजबूत करने के लिए जल्दी ही एल्डरमेन नियुक्त किए जाने के संकेत दिए हैं। इस संबंध में जिलों से प्रस्ताव मांगे गए हैं। इन नियुक्तियों के पीछे सरकार की मंशा कांग्रेस कार्यकर्ताओं की नाराजगी को दूर करना है। प्रत्येक नगर निगम में 6, नगर पालिका में 4 और नगर परिषद में 2 एल्डरमेन नियुक्त किए जाएंगे।