व्यापमं घोटाले की जांच को लेकर अपने ही विधायकों से घिरी कांग्रेस सरकार

Published on -

भोपाल। कांग्रेस सरकार को सत्ता में आए एक साल हो गया है। विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने वचन पत्र जारी किया था। जिसमें ये वचन किया गया था कि सरकार सत्ता में आने के बाद व्यापमं घोटाले की जांच करवाएगी। लेकिन सरकार ने इस ओर अभी तक कोई खास कदम नहीं उठाया है। विधानसभा के शीत सत्र में अब कांग्रेस सरकार अपने ही विधायकों के निशाने पर आ गई है। धार जिले के सरदारपुर सीट से कांग्रेस विधायक प्रताप ग्रेवाल, कांग्रेस विधायक हर्ष विजय गेहलोत, कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी और मनोज चावला ने गृह मंत्री बाला बच्चन से इस बारे में विधानसभा में सवाल किए हैं। 

दरअसल, विधानसभा में कांग्रेस विधायकों ने व्यापमं मामले में जांच के लिए अपनी ही सरकार को घेर लिया। चारों विधायकों ने व्यामपं मामले पर चल रहे अलग अलग प्रकरण और एसटीएफ द्वारा की जा रही जांच को लेकर सवाल खड़े किए हैं। कांग्रेस विधायक हर्ष विजय गेहलोत ने गृह मंत्री से सवाल किया है। उन्होंने एसटीएफ की जांच को लेकर सवाल किया था। उन्होंने पूछा कि क्या एसटीएफ 2006 से 2010 तक पीएमटी परीक्षा में हुए घोटाले की जांच करेगा। क्या सीबीआई 2009 से 2013 तक आयोजित आठ भर्ती परीक्षाओं की जांच कर रहा है। गृह मंत्री ने अपने जवाब में बताया कि, व्यापमं घोटाले में एसटीएफ द्वारा 197 लंबित मामलों में जांच की जा रही है। 

कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी हैं, जिनके सवाल पर गृहमंत्री की ओर से जो जवाब आया है वो चौंकाने वाला है. सरकार ने साफ किया है कि व्यापम घोटाले पर सरकार की ओर से कोई श्वेत पत्र जारी नहीं किया जाएगा. साथ ही व्यापम घोटाले की जांच के लिए जो एसआईटी गठित की गई थी उसकी जांच (Investigation) में भी किसी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं की गई है।

‘व्यापम की जांच में एसआईटी के निर्देशों की अवहेलना नहीं’

कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी की ओर से गृह मंत्रालय से व्यापमं के मुद्दे पर सवाल पूछे गए थे. कुणाल ने अपने सवाल के पहले हिस्से में पूछा था कि क्या पूर्व में व्यापम घोटाले की जांच में एसटीएफ ने गोलमाल किया और इसकी जांच के लिए बनी एसआईटी के निर्देशों की अवहेलना की? यदि हां तो क्या एसआईटी की पूर्व भूमिका को जांच में शामिल किया जावेगा? इस पर गृहमंत्री बाला बच्चन की ओर से दिया गया जवाब था, ‘जी नहीं, वस्तुस्थिति यह है कि व्यापम घोटाले की जांच 3 सदस्यीय एसआईटी (जिसके एक सदस्य रिटायर्ड हाईकोर्ट जज थे) के दिशा निर्देशों एवं पर्यवेक्षण में की गई.’

विधायक कुणाल चौधरी ने सवाल के अगले हिस्से में पूछा था कि क्या, ‘व्यापम घोटाले की भयावहता को देखते हुए तथा 6 महीने से अधिक समय तक जांच पूर्ण न होने पर क्या व्यापम घोटाले पर एक श्वेत पत्र जारी किया जाएगा? इस सवाल के जवाब ने तो कांग्रेस के सदस्यों को भी हैरान कर दिया. गृहमंत्री बाला बच्चन की ओर से दिए गए जवाब में साफ कर दिया गया कि कांग्रेस सरकार व्यापम घोटाले की जांच से संतुष्ट है और इस पर श्वेत पत्र लाने जैसी सरकार की कोई योजना नहीं है.


About Author

Mp Breaking News

Other Latest News