कांग्रेस विधायक ने शिवराज सरकार को घेरा, औद्योगिक घरानों की कठपुतली बनकर काम करने का आरोप

Congress MLA accused Shivraj government : कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने मंगलवार को बीजेपी सरकार पर औद्योगिक घरानों की कठपुतली बनकर काम करने का आरोप लगाया। उन्होने कहा कि सरकार ने किसानों की गेहूं खरीदी बंद कर दी है, सोसायटी और बिजली की वसूली जारी है, घरों में घुसकर  उपभोक्ताओं के बर्तन भांडे उठाए जा रहे हैं। उन्हे शिवराज सरकार पर जनविरोधी होने का आरोप लगाया।

कुणाल चौधरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार ने किसान और किसानी को पिछले 10 साल में बदहाली की कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है। किसानों की गेहूं, सोयाबीन की फसलों में जहां प्रति हेक्टेयर उत्पादन में कमी आयी है, वहीं उनकी लागत में वृद्धि हुई है। उन्होनने कहा कि इस सरकार ने मंडी-बाजार को बड़े औद्योगिक घरानों के हाथों की कठपुतली बना दिया है। बड़े उद्योगपतियों द्वारा किसानों का गेहू 1900-2100 में खरीद कर स्टॉक कर लिया जाता है और बाद में उसे 3200 में बेचा जाता हैं और सरकार मूकदर्शक बनकर इन उद्योगपतियों की कालाबाजार को अंजाम दिलाकर किसानों पर पीछे से वार करती है।

कांग्रेस विधायक ने कहा कि एसएक्यू के नाम पर उपार्जन बंद कर किसानों के साथ ज्यादती की जा रही है। मिट्टी खरीदने की बात करने वाली सरकार गेहूं नहीं खरीद पा रही है। जिन किसानों को नेनो यूरिया की आवश्यकता नहीं है, उन्हें भी जबरदस्ती यूरिया के साथ नेनो यूरिया दिया जा रहा है। निजी कंपनियों से सांठगांठ के कारण जो किसान को मजबूरी में खरीदना पड़ रहा है। उन्होने आरोप लगाया कि औघोगिक घरानों के इशारे पर हाल ही में सरकार के भारतीय खाद्य निगम ने 50 लाख मैट्रिक टन गेहूं बाजार में 1900-2100 रू के बीच बेचकर गेहूं के मार्केट को एकदम नीचे लाकर खड़ा कर दिया। जब किसानों का मंडी में गेहूं लाने का समय होता है, सरकार अपने अंतिम अवशेष गेहूं को बाजार में फेंककर भाव को कम कर देती है, जिससे किसानों को फसल का उचित मूल्य न मिल पाये। इसका सीधा फायदा औद्योगिक घरानों को होता है। पिछले 10 सालों में किसानी के नाम पर 50000 करोड़ के घोटाले जांच में आए हैं जिसकी लोकायुक्त, ईओडब्ल्यू में शिकायतें पंजीबद्ध है। भावांतर घोटाला, बलराम तालाब घोटाला, किसान भ्रमण घोटाला, किसान अनुदान घोटाला, मंडी बोर्ड अनुज्ञा पत्र घोटाला, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, किसान सम्मान निधि, कीटनाशक दर, मशीनीकरण, अमानक बीज, उद्यानिकी फसल और खाद घोटाला जैसे अनेकों घोटालों का कीर्तिमान भाजपा सरकार ने स्थापित कर प्रदेश के किसानों की छाती पर मूंग दलने का काम किया है।

कुणाल चौधरी ने कहा कि जहां एक और किसान की रोटी मिट्टी में मिल गई और सरकार पीएक्यू नापने में लगी हुई है। हाथ में एक दाना तक नहीं लगा और सरकार किसानों से कर्ज लौटाने की बात कर रही है, किसान फसल के लिए लाइन में खड़ा है, खरीदी केंद्र बंद दिये गये, किसान की मेहनत पानी में बह गई और सरकार बिजली के बिल घरों में पहुंचा रही है, उनकी जेब में फूटी कौड़ी नहीं है और उनके ट्रैक्टर मोटर साइकिल फ्रिज कूलर बर्तन आदि उठाकर ले रही है। किसानांे की बात करने वाली यह कैसी किसान हितैषी सरकार है? उन्होने कहा कि शिवराज जी, कैसा और कौन सा सर्वे कराया, न ही मिट्टी खरीदी और न ही गेहू खरीदने की कोई योजना है, आखिर क्यों फसल बीमा कंपनी के नंबर बंद कर दिये गये? फिर क्यों चिल्ला-चिल्लाकर झूठ बोलते हो मुख्यमंत्री जी, किसानों को प्राकृतिक आपदा की सजा मत दो, आप भी किसान के बेटे हैं, उनकी हाय मत लो।

बीजेपी सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कांग्रेस विधायक ने कहा कि जहां एक और किसान अपनी फसल की बर्बादी पर आंसू बहा रहा था, वहीं होली पर शिवराज जी गुलाल उड़ा रहे थे, रंगपंचमी पर उत्सव के ढोल पीट रहे थे, किसान फसल को मिट्टी में मिलते देख अपनी मेहनत पर मातम मना रहा था। आखिर जिस किसान की बेटी की शादी तय हो गई उसके घर में उसे देने के लिए पांच बर्तन कैसे आयेंगे, किसान अपने बूढ़े माता-पिता का इलाज कैसे करायेगा, बच्चों को कैसे स्कूल भेजेगा। भाजपा सरकार सत्ता के नशे में चूर हो गई है। मुख्यमंत्री जी में जरा सी शर्म और संवेदनशीलता बची हो तो किसानों पर कहार न बरपायें, उनकी फसलों के नुकसान का मुआवजा उन्हें शीघ्र दें, बिजली बिल की वसूली बंद करें। उन्होने खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा रबी विवरण मौसम 2023-24 में समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन के संबंध में जारी आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए बताया कि विभाग ने किसानों के साथ एक और छल किया है, गेहूं का उपार्जन बंद किया जाकर जिन किसानों द्वारा स्लाट बुकिंग की गए की गई उनकी स्लाट बुकिंग निरस्त कर दी गई और उनसे कहा गया कि किसान अपनी सुविधानुसार स्लाट बुक कर सकते हैं, यह सरकार किसानों के साथ लगातार धोखा और छल कर रही है। शिवराज सरकार सत्ता के नशे में चूर हो गई है।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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