भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। सत्ता गंवाने और फिर उपचुनाव (By-election) में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस (Congress) नगरीय निकाय (Urban Body Election) और पंचायत चुनावों (Panchayat Election) में कोई रिस्क नहीं लेना चाहती। इसके लिए संगठन को मजबूत करने को लेकर एमपी कांग्रेस अब BJP की राह अपनाने जा रही है। उज्जैन (Ujjain) में बीजेपी के प्रशिक्षण शिविर की तर्ज पर अब कांग्रेस भी 33 साल बाद अपने विधायकों के लिए ट्रेनिंग कैंप लगवाने की तैयारी में है।हालांकि कांग्रेस की तरफ से अब तक शिविर की तारीख का ऐलान नहीं किया गया है।
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खबर है कि मांडू या खजुराहो (Mandu or Khajuraho) में यह शिविर लगाया जा सकता है। वही मप्र विधानसभा (MP Assembly के बजट सत्र 2021 (Budget Session 2021) समाप्त होने के बाद इसकी शुरुआत हो सकती है। इस शिविर में विधायकों (Congress MLA) को विधायकी के बारे में जानकारी दी जाएगी। विधायकों को सिखाया जाएगा कि जनता के बीच किन मुद्दों को लेकर जाएं। विपक्ष को किस मुद्दों पर घेरें और संगठन में मजबूती पर कैसे सहयोग करें। कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों से कैसे मेल-मिलाप बढ़ाए और क्षेत्रों का फीडबैक (Feedbak) लें।
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कांग्रेस संगठन अपने विधायकों को राजनीतिक प्रबंधन के गुर सिखाएगी। इसके लिए प्रदेश के किसी पर्यटन स्थल पर दो दिन की क्लास लगाई जाएगी।इन सत्रों को प्रदेश के साथ-साथ दिल्ली (Delhi) के नेता भी संबोधित करेंगे। विधायकों को पॉलिटिकल मैनेजमेंट (Political management) के साथ टाइम मैनेजमेंट भी सिखाया जाएगा।
प्रदेश कांग्रेस संगठन पूर्व मुख्यमंत्री और पीसीसी चीफ कमलनाथ (Former Chief Minister and PCC Chief Kamal Nath) से चर्चा के बाद इस पर अंतिम फैसला लेगा।इस शिविर का मकसद ना सिर्फ निकाय-पंचायत चुनाव बल्कि 2023 के विधानसभा चुनाव भी है।हालांकि कांग्रेस 2023 में एक बार फिर वापसी का भी दावा कर रही है।इस बारे में रूपरेखा तय की जा रही है। फिलहाल कांग्रेस विधानसभा में मजबूत विपक्ष की भूमिका में है और उसके 96 विधायक हैं।