सड़क से सदन तक मुद्दे उठाने वाले इन कांग्रेस नेता के कब आएंगे ‘अच्छे दिन’

congress-return-to-power-leave-stalwart-jobless

भोपाल। मध्य प्रदेश में कांग्रेस की 15 सालों बाद सत्ता में वापसी हुई है। इस वनवास को खत्म करने और पार्टी को जीत दिलाने के लिए कई दिग्गज नेताओं ने सड़क से लेकर सदन तक संघर्ष किया। पार्टी के लिए कड़े फैसले लिए तो कार्यकर्ताओं की नाराजगी भी झेली, लेकिन पार्टी हित के लिए विपक्ष में रहते हुए लंबे समय तक कड़ी मेहनत की। अब निजाम बदला है, तो कई नेताओं की उम्मीद है उन्हें भी पार्टी की ओर से बड़ी जिम्मेदारी मिलेगी। लेकिन विडंबना यह है कि विपक्ष में रहते जिन नेताओं ने कांग्रेस की आवाज बुलंद की और सरकार के खिलाफ मुश्किलें खड़ी की वह इस बार विधानसभा चुनाव में हार गए। 

15 साल तक विपक्ष में बैठने के बाद लगातार सरकार की घेराबंदी करने वाले नेताओं ने बीजेपी के खिलाफ प्रदेश में माहौल तैयार किया। लेकिन कांग्रेस केंद्रीय नेतृत्व ने केंद्र के दो दिग्गज नेता कमलनाथ और सिंधिया को एमपी की जिम्मेदारी सौंपी। इन नेताओं ने चुनाव से छह महीने पहले सक्रिय होते ही नतीजों तक पूरा माहौल ही बदल दिया। जीत का सेहरा भी इनके ही सिर बंधा। पार्टी सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस के कई पुराने नेता दबी जुबां में कह रहे हैं कि सालों तक मेहनत उन्होंंने की लेकिन जीत का सारा श्रेय पैराशूट एंट्री करने वाले नेता ले गए। जिन्होंने भाजाप के खिलाफ आवाज उठाई पार्टी का झंडा बुलंद किया अब उन नेताओं के समर्थकों की मांग है कि पार्टी को उनके नेताओं को भी बड़े पद या फिर मंत्री मंडल में जगह देकर नवाजा जाना चाहिए। 


About Author
Avatar

Mp Breaking News