कांग्रेस ने ‘हर घर तिरंगा अभियान’ को लेकर पीएम मोदी पर साधा निशाना, जयराम रमेश ने कहा ‘राष्ट्रीय प्रतीक को हथियाने की कोशिश’

कांग्रेस नेता ने कहा कि आरएसएस के दूसरे प्रमुख गोलवलकर ने अपनी पुस्तक बंच ऑफ थॉट्स में कांग्रेस के तिरंगे को राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाने के फैसले की आलोचना की थी, इसे “सांप्रदायिक” और “सिर्फ बहकने और नकल करने का मामला” करार दिया था। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री इस राष्ट्रीय प्रतीक को हथियाने की कोशिश कर रहे हैं, जिसे उनके वैचारिक परिवार ने लंबे समय से अस्वीकार किया है।

JR

Har Ghar Tiranga : कांग्रेस ने ‘हर घर तिरंगा अभियान’ को लेकर पीएम मोदी पर हमला किया है। जयराम रमेश ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने तिरंगे को राष्ट्रीय ध्वज के रूप में स्वीकारने की आलोचना की थी और अब प्रधानमंत्री इस राष्ट्रीय प्रतीक को हथियाने की कोशिश कर रहे हैं।

जयराम रमेश ने आरएसएस और पीएम मोदी को घेरा

जयराम रमेश ने एक्स पर लिखा है कि ‘नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री ने एक और हर घर तिरंगा अभियान शुरू किया है। तिरंगे के साथ RSS के संबंधों का संक्षिप्त इतिहास देखिए। RSS के दूसरे प्रमुख MS गोलवलकर ने अपनी पुस्तक बंच ऑफ थॉट्स में कांग्रेस के तिरंगे को राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाने के फैसले की आलोचना की थी, इसे “सांप्रदायिक” और “सिर्फ बहकने और नकल करने का मामला” करार दिया था। RSS के मुखपत्र ऑर्गनाइजर ने 1947 में लिखा था कि तिरंगे को हिंदुओं द्वारा कभी अपनाया नहीं जाएगा और न ही इसका सम्मान किया जाएगा। शब्द तीन अपने आप में एक बुराई है, और तीन रंगों वाला झंडा निश्चित रूप से बहुत बुरा मनोवैज्ञानिक प्रभाव पैदा करेगा और देश के लिए हानिकारक है।’

‘2015 में, RSS ने कहा कि “राष्ट्रीय ध्वज पर भगवा रंग ही एकमात्र रंग होना चाहिए क्योंकि अन्य रंग सांप्रदायिक विचार का प्रतिनिधित्व करते हैं।” आरएसएस ने 2001 तक अपने मुख्यालय में नियमित रूप से तिरंगा नहीं फहराया और जब तीन युवकों ने इसके परिसर में झंडा फहराने की कोशिश की तब ज़बरदस्ती करने का “अपराध” बताकर उन पर मामला दर्ज़ किया गया। नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री इस राष्ट्रीय प्रतीक को हथियाने की कोशिश कर रहे हैं – जिसे उनके वैचारिक परिवार ने लंबे समय से अस्वीकार किया है – क्योंकि उनके संगठन का कोई इतिहास और प्रतीक नहीं है जिसे भारत अपना मान सके। विशेष रूप से उस दिन जब भारत और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस भारत छोड़ो आंदोलन की वर्षगांठ मना सकते हैं, जिसमें RSS ने भाग लेने से इंकार कर दिया था।’


About Author
श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

Other Latest News