MP Election 2023 : कांग्रेस महासचिव और सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी ने शिवराज के “नाम और काम” दोनों से कन्नी काट ली। वे 18 साल में मध्यप्रदेश भाजपा सरकार द्वारा लागू की गई एक योजना की भी चर्चा नहीं कर पाए। उन्होने भोपाल में आयोजित बीजेपी कार्यकर्ता महाकुंभ को “जुमलों का महाकुंभ” करार दिया है।
BJP के कार्यकर्ता महाकुंभ को बताया फ्लॉप शो
रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि करोड़ों रुपया पानी की तरह बहाकर मध्य प्रदेश में आयोजित किया गया भाजपा का कार्यकर्ता महाकुंभ आज हारी हुई शिवराज सरकार की तरह ही फ्लॉप शो साबित हुआ। 10 लाख कार्यकर्ता जुटाने की डींगें भर हजारों बसें और वाहन लगाने के बावजूद भी पूरे प्रदेश से 50,000 लोग भी जमा नहीं हो पाए। उन्होने कहा कि आज हुए सम्मेलन में कई बातें तो चौंकाने वाली थीं। पहली, प्रधानमंत्री ने शिवराज सरकार के नाम और काम दोनों से कन्नी काट ली। दूसरी, 18 साल में मध्य प्रदेश भाजपा सरकार द्वारा लागू की गई एक स्कीम की भी चर्चा करना पीएम ने वाजिब नहीं समझा, क्योंकि प्रधानमंत्री जानते हैं कि शिवराज सरकार की सारी योजनाएं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई। तीसरी, आयोजन के मंच पर दो झूठे नेता एक दूसरे के झूठ पर तालियाँ बजाते रहे और मुंगेरीलाल से झूठे हसीन सपने गढ़ते रहे। वे बड़बोले और झूठे भाषणों से लोगों को भरमाते रहे।
पीएम पर लगाया झूठ बोलने का आरोप
उन्होने कहा कि मध्य प्रदेश की 8.5 करोड़ जनता प्रधानमंत्री के “भाषणों का झूठ” और “शिवराज सरकार की जनता से लूट” का सच जानना चाहती है। सुरजेवाला ने कहा कि पहली बार के युवा वोटरों ने 18 सालों की भाजपा सरकार में क्या देखा ? प्रधानमंत्री ने कहा कि पहली बार वोट दे रहे युवाओं ने मध्य प्रदेश में तरक्की को देखा है पर सच क्या है ? मध्य प्रदेश के युवाओं ने 20 साल की भाजपा सरकार में व्यापमं घोटाले से 23 प्रकार की भर्ती परीक्षाओं में 1 करोड़ से अधिक युवाओं के भविष्य को बर्बाद होते देखा है। लाखों युवाओं ने पटवारी भर्ती परीक्षा का पेपर 15-15 लाख में बिकते हुए देखा है। डीमैट और नर्सिंग कॉलेज घोटाले से अपना भविष्य बर्बाद होते हुए देखा है। शिक्षा की बर्बादी का यह मंजर देखा है कि 18 साल बाद भी मध्य प्रदेश के 26 हजार सरकारी स्कूलों में बिजली का कनेक्शन तक नहीं है, 29 हजार स्कूल स्थायी रूप से बंद हो गए हैं, और पिछले सालों 9 लाख विद्यार्थियों का स्कूलों में एनरोलमेंट कम हो गया।
शिवराज और मोदी सरकार पर हमला
कांग्रेस सांसद ने कहा कि पिछले 18 सालों में प्रदेश में 18,966 बेरोजगारों और छात्रों ने आत्महत्या की है। मध्य प्रदेश में 18 से 23 वर्ष के लगभग 70 लाख युवा शिक्षा से वंचित हैं। मध्य प्रदेश की 18 सालों की भाजपा सरकार में एससी/ एसटी/ओबीसी का सबसे बड़ा छात्रवृत्ति घोटाला देखा है। मध्य प्रदेश भाजपा सरकार ने क्या किया ? उज्जवला बहनों के घर में चूल्हे के धुएं का अंधकार भर दिया ! झूठ पर झूठ बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश में महिलाओं को गैस के सिलेंडर देकर उनके घर को धुएं से मुक्त किया। मगर सच्चाई क्या है ? भाजपा निर्मित महंगाई के चलते 44 लाख उज्जवला बहनें पिछले साल मध्य प्रदेश में गैस का सिलेंडर भी नहीं भरवा पाई। पिछले साल 18 लाख उज्जवला बहने केवल एक सिलेंडर ही भरवा पाईं। शिवराज और मोदी सरकार ने पेट्रोल-डीजल 100 रुपये पार, गैस का सिलेंडर 1100 रुपये और खाने का तेल 200 रुपये पार करके बहनों की आजीविका को महंगाई की आग में झोंक दिया।
बीजेपी की योजनाओं पर उठाए सवाल
सुरजेवाला ने कहा कि झूठ पर झूठ बोलते हुए प्रधानमंत्री ने आयुष्मान योजना की तारीफ की। पर सच क्या है ? CAG रिपोर्ट ने बताया कि शिवराज सरकार ने कोविड के दौरान आयुष्मान योजना में मुर्दों का भी इलाज कर दिया। किसानों की आमदनी नहीं हुई दोगुना, दर्द दिया सौ गुना ! प्रधानमंत्री ने मध्य प्रदेश के गेहूँ की भी चर्चा की। पर सच क्या है? मोदी सरकार की ही संसदीय समिति ने बताया कि मध्य प्रदेश के किसानों की आमदनी साल 2015-16 की तुलना में कम हो गई और अब यह औसतन 223 प्रतिदिन है। एक तरफ करोड़ों का आयोजन हो रहा है, तो दूसरी तरफ निमाड़ में अर्धनग्न किसान मुआवजे के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं।
18 साल में मध्य प्रदेश में 20,000 किसानों ने आत्महत्या कर ली। CAG रिपोर्ट ने बताया कि मध्य प्रदेश में किसानों का मुआवजा भी हड़प लिया और उसे नोएडा के बैंक खातों में जमा कर घालमेल किया। 5. आदिवासियों पर अत्याचार, दलितों से नहीं दरकार, ऐसी है शिवराज सरकार। आदिवासी और दलित अत्याचार में मध्य प्रदेश देश में पहले पायदान पर है। भाजपा नेता दिनदहाडे कभी आदिवासियों पर पेशाब करते हैं और कभी सरे बाजार उनके सर पर जूतियाँ मार पिटाई करते हैं। • 3,22,000 आदिवासी पट्टे निरस्त कर दिए गए। ओबीसी वर्ग से 27 प्रतिशत आरक्षण छीन लिया गया। दलित, आदिवासी और ओबीसी बजट व कल्याण योजनाओं का पैसा खर्च ही नहीं किया जाता। उन्होने कहा कि उम्मीद थी कि प्रधानमंत्री महाकाल में भ्रष्टाचार को लेकर सार्वजनिक माफी मांगेंगे और प्रायश्चित्त का प्रण लेंगे, पर प्रधानमंत्री का कार्यक्रम ‘जुमलों का महाकुंभ’ बनकर रह गया।