Vikrant Bhuria Demands Liquor Ban in Tribal Areas : मध्यप्रदेश में शराब के मुद्दे पर कांग्रेस ने प्रदेश सरकार को घेरा है। आदिवासी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और झाबुआ विधायक डॉ. विक्रांत भूरिया ने कहा कि मध्यप्रदेश में पीढ़ियां शराब के कारण बर्बाद हो रही हैं और सरकार धार्मिक स्थलों पर शराबबंदी की बात कर केवल दिखावा कर रही है। उन्होंने सरकार से माँग की कि आदिवासी इलाकों में शराबबंदी लागू की जाए। इसी के साथ उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं करने पर आंदोलन की चेतावनी भी दी।
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में विक्रांत भूरिया ने कहा कि झाबुआ, अलीराजपुर जैसे आदिवासी बहुल जिलों में शराब के ठेके हजारों करोड़ रुपये तक पहुँच रहे हैं। उन्होंने सवाल किया कि जब ये जिले आर्थिक रूप से सबसे पिछड़े हैं, तो फिर यहां शराब के ठेकों की कीमत 400 करोड़ रुपये कैसे पहुंच रही है। क्या यहां हर गरीब आदमी एक लाख रुपये की शराब पी रहा है ?

कांग्रेस ने शराब के मुद्दे पर सरकार को घेरा
दिवासी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ विक्रांत भूरिया ने धार कलेक्टर के एक पत्र का हवाला देते हुए दावा किया कि नकली होलोग्राम के जरिए शराब का अवैध कारोबार फल-फूल रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि जब शराब की खेप पकड़ी जाती है, तो कार्रवाई सिर्फ ड्राइवरों पर होती है, जबकि ठेकेदार और मालिक बच निकलते हैं। यह भी आरोप लगाया कि मध्यप्रदेश से शराब की खेप गुजरात जैसे ड्राय स्टेट तक पहुंच रही है। हाल ही में जोबट में एक करोड़ रुपये की शराब पकड़ी गई, जिसे गुजरात ले जाया जा रहा था।
D3 मुहिम के सकारात्मक परिणाम
डॉ. भूरिया ने आदिवासी क्षेत्रों में चल रही ‘D3 मुहिम’ का जिक्र किया जिसमें दहेज, दारू और डीजे के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस अभियान के अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं और समाज में जागरूकता बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि इस मुहिम को स्थानीय लोगों का भी पूरा समर्थन मिल रहा है और माँग की कि सरकार भी इसका समर्थन करे।
विक्रांत भूरिया ने सरकार से की ये प्रमुख माँगें
विक्रांत भूरिया ने सरकार से चार प्रमुख माँग की है। उन्होंने कहा कि सबसे पहले आदिवासी क्षेत्रों में शराब पर प्रतिबंध लगाया जाए..महुए की शराब के अलावा क्योंकि वो यहां पारंपरिक रूप से धार्मिक कार्यों में उपयोग होती है। शराबबंदी सिर्फ धार्मिक स्थलों तक सीमित न हो, आदिवासी अंचल में भी ये लागू की जाए। दूसरा, गुजरात की बॉर्डर पर जितने ठेके हैं उनपर रोक लगाई जाए या निगरानी हो। तीसरा, शराब तस्करी में सिर्फ ड्राइवर पर कार्रवाई होती है, मालिकों और ठेकेदारों सहित सभी संलिप्त लोगों पर कार्रवाई हो। और चौथी माँग की है कि आदिवासी समाज ने D3 की मुहिम शुरु की है, दहेज दारू और डीजे बंद करने की, सरकार इसका समर्थन करे। उन्होंने कहा कि अगर सरकार इस मुद्दे पर कार्रवाई नहीं करेगी तो वो इसे खिलाफ आंदोलन करेंगे।