भोपाल।
राजधानी(capital) में तेजी से फैले कोरोना(corona) संक्रमण की वजह आखिर प्रशासन(administration) ने ढूंढ ली है। भोपाल(bhopal) में बढ़ते कोरोना संक्रमण की शुरुआत कहाँ से और किसके कारण हुई। जहाँ जांच में पाया गया है कि भोपाल में संक्रमण जमातियों की वजह से फैला है। इसके जांच के लिए कलेक्टर(collector) तरुण पिथोड़े के नेतृत्व में एडीशनल एसपी और अन्य तकनीकी सहायकों की टीम गठित की गयी थी। जिसमें जांच के बाद जिला प्रशासन ने एक विस्तृत रिपोर्ट मुख्य सचिव व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान(shivraj singh chouhan) को सौंपी है। बता दें कि इस जांच में तीन तरह से कांटेक्ट की ट्रेसिंग हुई । पहली जांच सीधे संपर्क में आने वाले लोग को लेकर, दूसरा पॉजिटिव व्यक्तियों ने जिनके नाम बताए और तीसरा अन्य स्रोत के जरिये विभाग के लोगों से पूछताछ करके ये जांच की गयी है।
दरअसल जांच के दौरान पॉजिटिव पाए गए लोगों की कॉल डिटेल रिपोर्ट निकाली गई। जहाँ संक्रमित व्यक्ति किसके संपर्क में आया था किससे वायरस की चपेट में आया। इसकी पूछताछ की गयी। इसके लिए एक कमरे की सभी दीवारों में चैन बनाकर लिस्टिंग की गई थी।वहीँ रिपोर्ट सौपे जाने को लेकर भोपाल कलेक्टर तरुण पिथोड़े ने कहा कि कोरोना संक्रमण की चेन ब्रेक करने के लिए हम हर संभव प्रयास कर रहे है। इसके लिए आम जनता को भी प्रशासन का सहयोग करना होगा। आगे हम कोरोना का संक्रमण ज्यादा ना फैले। इसके लिए विस्तृत काल डीटेल रिपोर्ट तैयार की राज्य शासन को सौंप दी गई है।
बता दें कि जमातियों को क्वारंटाइन करने के दौरान ऐशबाग थाने का एक कांस्टेबल इनके संपर्क में आया। वह संक्रमित हुआ, लेकिन उसे पता ही नहीं चला। इसके बाद उसकी पत्नी संपर्क में आई। जिसके बाद ये संक्रमण तेजी से अन्य पुलिसकर्मियों में फैलता गया। इसी के साथ स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अफसर के घर पर जमातियों के आने की पुष्टि हुई है। जहाँ से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) की संचालक कोरोना संक्रमित हुईं। जो हर बार कांटेक्ट ट्रेसिंग में कॉमन आई हैं। हेल्थ डायरेक्टर के संक्रमित होने के बाद इनके संपर्क 340 से अधिक लोग आए। इसके बाद पूरे विभाग में एक-एक करके लोगों का टेस्ट हुआ और वे पॉजिटिव पाए गए। जहाँ संपर्क संक्रमण फैलने का एक बड़ा कारण बना। पुलिस जिस तरह अपराधी की तलाश करती है। उसी तरह स्मार्ट सिटी के कुछ अधिकारियों ने कोरोना फैलाने वाले लोगों की तलाश की गयी थी।जिसके बाद रिपोर्ट में स्पष्ट है की भोपाल में संक्रमण फ़ैलाने में जमातियों और उनके संपर्क में आई लोगों की भूमिका रही है।