भोपाल। छत्तीसगढ़ के धमतरी में हुए नक्सली हमले में शहीद हुए भोपाल के सीआरपीएफ जवान हरीशचंद्र पाल को आज शनिवार को नम आंखों से अंतिम विदाई दी गई। बेटी मिष्ठी ने देश के लिए कुर्बान होने वाले पिता को मुखाग्नि दी। आज सुबह से ही शहीद के घर के बाहर लोगों के जुटने का सिलसिला शुरू हो गया था। अपने लाल को आखिरी सलाम देने के लिए हर उम्र के लिए लोग पहुंचे। जैसे जवान का पार्थिव शरीर घर लाया गया आंसुओ का सैलाब फुट पड़ा पत्नी और बेटी की आंखों से आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे। वो एकटक शहीद हरीश चंद्र को देख रहे थे।
शहीद जवान को अंतिम विदाई देने के लिए शहर भर के लोग उमड़ पड़े, पूरे समय वीर अमर रहे के नारे गूंजते रहे| जवान की इस शहादत पर हर किसी को गर्व भी था और आँखे नाम थी| मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह भी हरीश चंद्र को अंतिम विदाई देने पहुंचे। उन्होंने शहीद के पार्थिव शरीर पर फूल माला अर्पित की और दुख की इस घड़ी में परिवार का हौंसला बढ़ाया। वहीं कमलनाथ सरकार में मंत्री पीसी शर्मा भी जवान को अंतिम विदाई देने पहुंचे| महापौर कृष्णा गौर, सांसद आलोक संजर के अलावा भोपाल डीआईजी और सीआरपीएफ के कई आला अफसर मौजूद थे।
इससे पहले शुक्रवार की सुबह करीब 11.30 बजे अवधपुरी पुलिस ने हरीश चंद्र के परिजनों को उनके नक्सली हमले में शहीद होने की सूचना दी गई। इस बीच पत्नी आफिस और बेटी स्कूल गई हुई थी। दोपहर को ही सीआरपीएफ के डीआईजी विजय कुमार उनके घर पहुंचे और परिजनों से चर्चा की। उन्होंने परिजनों को बताया कि हरीश का शव शनिवार को अमरकंटक एक्सप्रेस से भोपाल लाया जाएगा।
होली पर ही पहुंचे थे घर
बता दें कि हरिश्चचंद्र का परिवार भोपाल के पीयूष नगर में रहता है और वो होली मनाने के बाद कुछ दिन पहले ही छत्तीसगढ़ गए थे। उनके भाई के अनुसार हरिश्चचंद्र बचपन से ही पढ़ने में होशियार थे। शुरुआती पढ़ाई जहां उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के पैतृक गांव में हुई थी। वहीं आगे की पढ़ाई के लिए भोपाल आ गए थे। बचपन से ही उनमें देशभक्ति का जज्बा भरा था। इसी वजह से वो सीआरपीएफ में शामिल हुए थे। उनके घर में पत्नी और एक बच्चा है।