भोपाल| माखनलाल पत्रकारिता विश्वविद्यालय (एमसीयू) में दो प्रोफेसरों द्वारा लगातार जाति विशेष को लेकर टिप्पणी करने के खिलाफ शुरू हुए विरोध के बाद प्रदर्शन करने वाले 23 छात्रों के निष्कासन का मामला तूल पकड़ता जा रहा है| वहीं इस मामले को अब सियासत भी तेज हो गई है| विपक्ष ने विधानसभा में इस मुद्दे को उठाकर छात्रों के साथ आतंकवादी जैसा व्यवहार करने का आरोप लगाया | वहीं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने छात्रों के खिलाफ की गई कार्रवाई का समर्थन किया है|
पूर्व सीएम दिग्विजय ने ट्वीट कर एमसीयू में हुए घटनाक्रम को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा शैक्षणिक संस्थाओं में अनुशासनहीनता का कोई स्थान नहीं हो सकता। दिग्विजय ने ट्वीट कर लिखा “माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय में हाल का घटनाक्रम दुर्भाग्यपूर्ण है जिस तरह से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के लोगों ने प्रायोजित उत्पात मचाया उससे मेरी यह बात साबित हुई की आरएसएस शिक्षण संस्थाओं पर जबरन कब्जा जमाना चाहता है”।
विश्वविद्यालय को सुधारने के प्रयासों में कुलपति को मेरा पूरा समर्थन दिग्विजय सिंह ने अगले ट्वीट में लिखा “शैक्षणिक संस्थाओ में अनुशासनहीनता का कोई स्थान नहीं हो सकता। नये कुलपति पिछले 15 साल के बिगड़े विश्वविद्यालय में अच्छा शैक्षणिक वातावरण तैयार कर रहे थे इस प्रायोजित उत्पात से उस पर कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए। विश्वविद्यालय को सुधारने के प्रयासों में कुलपति को मेरा पूरा समर्थन है”।
तीन छात्रों का निष्कासन रद्द
विधानसभा में मुद्दा आने के बाद बुधवार को एमसीयू प्रशासन ने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग के रवि भूषण सिंह, पत्रकारिता विभाग के विपिन तिवारी और विधि सिंह का निष्कासन रद्द कर दिया गया है। वहीं मंगलवार शाम को भोपाल सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने विश्वविद्यालय के कुलाधिपति और उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू से मामले की शिकायत की। विश्वविद्यालय के दो प्रोफेसरों के विवादित ट्वीट के बाद हंगामा करने वाले 23 छात्रों को मंगलवार को निष्कासित कर दिया था।